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प्रधानमंत्री मोदी को मिला 'धर्मचक्रवर्ती' का सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज जैन आध्यात्मिक गुरु आचार्य लोकेश मुनि द्वारा 'धर्मचक्रवर्ती' की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके राष्ट्रीय कल्याण और भारतीय मूल्यों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए दिया गया। आचार्य मुनि ने मोदी को 'वैश्विक नेता' बताया, जो शांति और अहिंसा के लिए समर्पित हैं। मोदी ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं और वैश्विक शांति में उनकी भूमिका पर जोर दिया। यह उपाधि जैन धर्म और अन्य भारतीय परंपराओं में महत्वपूर्ण आध्यात्मिक महत्व रखती है।
 

प्रधानमंत्री मोदी को मिला प्रतिष्ठित सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज जैन गुरु आचार्य लोकेश मुनि द्वारा 'धर्मचक्रवर्ती' की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह विशेष कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां आचार्य मुनि ने प्रधानमंत्री को यह सम्मान उनके राष्ट्रीय कल्याण, शांति, समृद्धि और भारतीय मूल्यों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए प्रदान किया। आचार्य लोकेश मुनि ने मोदी को 'वैश्विक नेता' के रूप में सराहा, जो शांति, अहिंसा और एकता के लिए समर्पित हैं। उन्होंने कहा, "उनकी दूरदर्शिता और कार्य 'धर्मचक्रवर्ती' के सिद्धांतों के अनुरूप हैं। यह उपाधि उन नेताओं को दी जाती है जो धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं और वैश्विक शांति में उनकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने 'वसुधैव कुटुंबकम्', 'लोक कल्याण' और 'सर्व धर्म समभाव' के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने यह भी बताया कि शासन में धर्म का समावेश राष्ट्र को मजबूत बनाता है और मानवता के कल्याण में योगदान करता है। 'धर्मचक्रवर्ती' की उपाधि जैन धर्म और अन्य भारतीय परंपराओं में महत्वपूर्ण आध्यात्मिक महत्व रखती है, जो एक नैतिक और धर्मपरायण शासक का प्रतीक है। यह सम्मान प्रधानमंत्री के प्रयासों की पुष्टि करता है, जिनका उद्देश्य भारत को एक आध्यात्मिक और नैतिक नेता के रूप में स्थापित करना है।