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प्रयागराज में कांवरियों का स्वागत: धार्मिक एकता की मिसाल

प्रयागराज में कांवरियों का स्वागत करते मुस्लिम समुदाय ने एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की है। इस धार्मिक यात्रा के दौरान, स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की, जो कि आपसी प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जो यह दर्शाती है कि धर्म भले ही अलग हों, लेकिन इंसानियत सबसे ऊपर है। जानिए इस विशेष अवसर के बारे में और भी जानकारी।
 

सावन में कांवर यात्रा का महत्व

सावन के पवित्र महीने में, लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थ स्थलों से गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए निकलते हैं। इसी संदर्भ में, प्रयागराज में जब कांवरियों का एक बड़ा समूह निकला, तो वहां के मुस्लिम समुदाय ने उनका दिल से स्वागत किया। उन्होंने कांवरियों पर फूलों की वर्षा की।


धार्मिक भाईचारे की मिसाल

इस अवसर पर कई लोगों ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि आपसी प्रेम और एकता का प्रतीक भी है। कांवर यात्रा भक्ति और तपस्या का उदाहरण है, लेकिन जब अन्य धर्मों के लोग भी इसमें शामिल होते हैं, तो यह एक नई आशा का संचार करती है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, प्रयागराज में यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है कि जब कांवरिए गुजरते हैं, तो मोहल्ले के मुस्लिम भाई उनका स्वागत करते हैं। इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत और सद्भाव सबसे महत्वपूर्ण हैं।


वीडियो में देखें स्वागत का दृश्य