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बजरंगबली की पूजा: सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग का महत्व

आज मंगलवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन बजरंगबली की पूजा का महत्व और विधि जानें। शुभ मुहूर्त और पूजा के लिए आवश्यक सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना से जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करें।
 

बाधाओं से मुक्ति का मार्ग


बजरंगबली की कृपा से दूर होंगी बाधाएं
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज मंगलवार को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। सूर्य इस समय कन्या राशि में और चंद्रमा 8 अक्टूबर की रात 1:28 बजे तक मीन राशि में रहेंगे।


इसके बाद चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के अनुसार, मंगलवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 9:16 बजे तक रहेगी, इसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू होगी।


पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 से 12:32 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय दोपहर 3:04 से 4:32 बजे तक होगा। सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक अत्यंत शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है।


इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसका मुहूर्त सुबह 3:55 से 6:13 बजे तक रहेगा।


समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति

अमृत सिद्धि योग वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण योग है, जो विशेष दिन और नक्षत्र के संयोग से बनता है। इस योग में किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं, जिससे व्यक्ति को समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है।


यह योग नए व्यापार की शुरुआत, वाहन खरीदने या नए घर में प्रवेश करने के लिए उत्तम माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार को बजरंगबली का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।


बजरंगबली की पूजा विधि

रामभक्त हनुमान को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं।



  • इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें।

  • फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें।

  • इसके बाद सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं।

  • हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें।

  • इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें। शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है।

  • इस दिन लाल रंग पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है।

  • इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें।