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बांग्लादेश में रथ यात्रा के दिन हिंदू महिला के साथ गैंगरेप की घटना

बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले में रथ यात्रा के दिन एक 25 वर्षीय हिंदू महिला के साथ गैंगरेप की घटना ने सभी को चौंका दिया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। जानें इस घटना के बारे में और क्या हो रहा है।
 

घटना का विवरण

ढाका: बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के मुरादनगर क्षेत्र में रथ यात्रा के दिन एक 25 वर्षीय हिंदू महिला के साथ गैंगरेप की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पीड़िता ने मुरादनगर थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार, महिला 15 दिन पहले अपने मायके आई थी और घटना की रात आरोपी ने उसके घर में घुसकर दरवाजा तोड़कर बलात्कार किया।


आरोपी की पहचान

आरोपी की पहचान: आरोपी की पहचान 38 वर्षीय फज्र अली के रूप में हुई है, जो पास के बहेरचर पांचकिट्टा गांव का निवासी है और उसका संबंध बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) से बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब हिंदू समुदाय रथ यात्रा में व्यस्त था, तब इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया। घटना के समय शोर सुनकर लोग इकट्ठा हुए, लेकिन आरोपी भागने में सफल रहा। बाद में पुलिस ने उसे ढाका के सैयदाबाद क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।


विरोध प्रदर्शन

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके चलते अनिक, सुमोन, रमजान और बाबू नामक चार युवकों को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी उसी गांव के निवासी हैं। इस घटना के बाद, ढाका विश्वविद्यालय के जगन्नाथ हॉल में छात्रों ने देर रात एक विरोध मार्च निकाला। छात्रों ने “मेरे सोनार बांग्ला में बलात्कारियों की कोई जगह नहीं” जैसे नारों के साथ अपना गुस्सा व्यक्त किया।


अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता

कुछ दिन पहले ढाका के खालखेत क्षेत्र में एक दुर्गा मंदिर को भी तोड़ दिया गया था। भारत सरकार ने इस पर चिंता जताई है, लेकिन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इसे 'अवैध जमीन कब्जे' का मामला बताकर दबाने की कोशिश की। शेख हसीना के भारत दौरे और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव बढ़ गया है। कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हैं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।