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भैंस पालन सब्सिडी: बिहार में किसानों के लिए नई योजना

भैंस पालन सब्सिडी योजना बिहार के किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। इस योजना के तहत उन्नत नस्ल की भैंस खरीदने पर 75% तक की सब्सिडी मिलेगी। आवेदन प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी। जानें इस योजना के लाभ, पात्रता और आवेदन की प्रक्रिया के बारे में। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

भैंस पालन सब्सिडी: किसानों के लिए एक नई पहल

भैंस पालन सब्सिडी: भैंस पालन के लिए 1,81,500 रुपये की सहायता, आवेदन 25 जून से शुरू! बिहार के किसानों और पशुपालकों के लिए भैंस पालन सब्सिडी एक नई उम्मीद लेकर आई है। बिहार सरकार ने समग्र भैंस पालन योजना (Samagra Bhains Palan Yojana) की शुरुआत की है, जो उन्नत नस्ल की भैंस खरीदने पर 75% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।


इस योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन (Milk Production) को बढ़ावा देना और ग्रामीण रोजगार (Rural Employment) को सशक्त करना है। आवेदन प्रक्रिया 25 जून 2025 से शुरू होगी। आइए, इस योजना के लाभ और विशेषताओं पर एक नज़र डालते हैं।


योजना के लाभ और पात्रता

भैंस पालन सब्सिडी के अंतर्गत किसान और पशुपालक मुर्राह, जाफराबादी, या भदावरी जैसी उन्नत नस्ल की भैंस (Improved Breed Buffalo) खरीद सकते हैं। सरकार डेयरी यूनिट (Dairy Unit) स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।


अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति (SC), और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 75% सब्सिडी उपलब्ध है, जबकि अन्य वर्गों के लिए यह 50% है। एक भैंस की कीमत 1,21,000 रुपये पर 90,750 रुपये तक और दो भैंसों की कुल लागत 2,42,000 रुपये पर 1,81,500 रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना ग्रामीण आय (Rural Income) को बढ़ाने का एक शानदार अवसर है।


आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

आवेदन 25 जून से 25 जुलाई 2025 तक बिहार सरकार की वेबसाइट पर किए जाएंगे। इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन (Online Application) करना होगा।


आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड (Aadhaar Card), पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की रसीद, जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate), और बैंक पासबुक शामिल हैं। आवेदन में किसी भी प्रकार की गलती न हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। अधूरी जानकारी या गलत दस्तावेज के कारण आवेदन रद्द हो सकता है। योजना का कार्यान्वयन जिला गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा।


इस योजना की विशेषताएँ

भैंस पालन सब्सिडी बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को मजबूत करने में सहायक होगी। उन्नत नस्ल की भैंसें अधिक दूध देती हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह योजना दुग्ध उत्पादन (Milk Production) को बढ़ाकर स्थानीय दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।


पशुपालकों और बेरोजगार युवाओं के लिए यह स्वरोजगार (Self-Employment) का एक सुनहरा अवसर है। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को सशक्त करना है, और इस योजना से डेयरी व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी।