भौम प्रदोष व्रत 2025: महादेव को प्रसन्न करने के उपाय
भौम प्रदोष व्रत 2025 के महत्व
Bhaum Pradosh Vrat 2025 Upay: सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जो महादेव के समर्पित है। आज 22 जुलाई 2025 को सावन का पहला प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। जब प्रदोष व्रत मंगलवार को आता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इसके साथ ही आज सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत भी है। धार्मिक दृष्टि से मंगलवार का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बनते हैं और दो महत्वपूर्ण व्रत होते हैं।
इस दिन कुछ विशेष उपायों को अपनाकर हर व्यक्ति महादेव और देवी गौरी को प्रसन्न कर सकता है। आइए जानते हैं देवी-देवताओं की पूजा के शुभ मुहूर्त और उन्हें प्रसन्न करने के प्रभावी उपायों के बारे में।
भौम प्रदोष व्रत के उपाय
- आज मंगलवार है, जो हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन भौम प्रदोष व्रत के अवसर पर शिव जी और देवी गौरी के साथ हनुमान जी की पूजा करना शुभ रहेगा। हनुमान चालीसा का पाठ करें और बजरंगबली को लाल वस्त्र, गुड़, बूंदी, चने, सिंदूर, लाल फूल और चमेली का तेल अर्पित करें। इस दौरान अपने अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करें। इससे आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होगी और आत्मविश्वास, साहस, धन व खुशी में वृद्धि होगी।
- भौम प्रदोष व्रत के दिन दान करना भी शुभ होता है। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं। यदि आप आज मसूर की दाल, लाल कपड़े, चावल या नमक का दान करते हैं, तो आपको पुण्य मिलेगा।
- आज भौम प्रदोष व्रत के पावन दिन भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर जल या पंचामृत चढ़ाएं और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 11 बार जाप करें। शिव चालीसा का तीन बार पाठ करें। इससे मानसिक शांति मिलेगी और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
शिव पूजा के लिए प्रदोष काल का सही समय
भौम प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करना शुभ होता है। आज 22 जुलाई 2025 को शाम 07:18 बजे से लेकर रात 09:22 बजे तक देवों के देव महादेव की पूजा का प्रदोष काल है। हालांकि, आज राहु काल भी है, जो दोपहर 03:53 बजे से लेकर शाम 05:35 बजे तक रहेगा। इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।