मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: प्रेतराज की अद्भुत कथा और पूजा का महत्व
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का परिचय
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है, लेकिन यहां प्रेतराज की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। प्रेतराज को इस मंदिर में हनुमान जी के संरक्षण में माना जाता है। इस मंदिर की महत्ता और रहस्य एक प्राचीन पौराणिक कथा से जुड़ी हुई है।
पौराणिक कथा: प्रेतराज की उत्पत्ति
किस्से के अनुसार, इस क्षेत्र में पहले प्रेत-भूत और बुरी शक्तियों का आतंक था। लोग भय और असुरक्षा में जी रहे थे। तब भगवान हनुमान जी ने इस अंधकार को समाप्त करने के लिए एक दिव्य प्रहरी की स्थापना करने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रेतराज को नियुक्त किया, जो बुरी शक्तियों को नियंत्रित करने के साथ-साथ अपराधियों को उनके कर्मों के अनुसार दंडित करने का कार्य करते थे। प्रेतराज का उद्देश्य समाज में न्याय और शांति स्थापित करना था, ताकि भक्त अपने धर्म का पालन कर सकें।
प्रेतराज और हनुमान जी का संबंध
हनुमान जी अपने भक्तों के रक्षक और अधर्म के विनाशक हैं। उन्होंने प्रेतराज को अपने दरबार का कोतवाल बनाया। प्रेतराज भगवान हनुमान जी की शक्ति और संकल्प का प्रतीक हैं, जो न्याय की रक्षा करते हैं। माना जाता है कि प्रेतराज हनुमान जी के आशीर्वाद से ही दोषियों को उनके कर्मों की सजा देने में सक्षम हैं। इसलिए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भैरव बाबा और प्रेतराज की पूजा सबसे पहले की जाती है, जिससे मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा बनी रहे।
प्रेतराज की पूजा का महत्व
मंदिर की पवित्रता और भक्तों की सुरक्षा के लिए प्रेतराज की पूजा अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। भक्तों का विश्वास है कि प्रेतराज के न्याय से मंदिर और उसके आस-पास बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त होता है। प्रेतराज की उपस्थिति से मंदिर का माहौल पवित्र और सुरक्षित रहता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है।
प्रेतराज के चमत्कार
मंदिर में आने वाले कई भक्तों ने प्रेतराज के अद्भुत चमत्कारों का अनुभव किया है। उन्होंने बताया कि प्रेतराज की पूजा और उनके न्याय से उन्हें जीवन की कठिनाइयों से राहत मिली। कुछ भक्तों का कहना है कि प्रेतराज ने उन्हें मानसिक तनाव, भय, और बुरी आत्माओं से मुक्ति दिलाई। इसलिए वे प्रेतराज की पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं।