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मैथिली ठाकुर ने विवाह पंचमी पर दी शुभकामनाएं

मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर मैथिली ठाकुर ने अपने प्रशंसकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें वह 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो' गा रही हैं। इस दिन श्रीराम और माता सीता की पूजा का विशेष महत्व है, जो वैवाहिक जीवन में सुख और शांति लाने में मदद करता है। जानें इस पर्व के पीछे की धार्मिक मान्यता और मैथिली की गायिकी के बारे में।
 

विवाह पंचमी का उत्सव

मुंबई: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया गया। इस खास मौके पर प्रसिद्ध गायिका और बिहार की भाजपा विधायक मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को अपने प्रशंसकों को सोशल मीडिया के जरिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो' गाते हुए नजर आ रही हैं। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, "राम सीता विवाह पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।"


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक श्रीराम और माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है, जिन्हें विवाह में देरी का सामना करना पड़ रहा है या जिनका वैवाहिक जीवन कठिनाइयों से भरा है। कहा जाता है कि राम-सीता के विवाह का स्मरण करने से घर में समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।


विवाह पंचमी की महिमा का उल्लेख वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस, स्कंद पुराण, पद्म पुराण और गरुड़ पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। नवविवाहित जोड़े इस दिन विशेष पूजा करते हैं और कई स्थानों पर भव्य शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। राम-सीता विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।


मैथिली ठाकुर ने अपनी गायिकी के माध्यम से देशभर में ख्याति प्राप्त की है और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनके पिता, रमेश ठाकुर, एक संगीतकार हैं, जिससे उनकी संगीत में रुचि हमेशा से रही है। उनके दो भाई, ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर, भी संगीत के क्षेत्र में सक्रिय हैं।


2024 में, बिहार सरकार ने मैथिली ठाकुर को राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था। इससे पहले, उन्हें संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी मिल चुका है, जो किसी युवा कलाकार के लिए एक बड़ा सम्मान है।