मोक्षदा एकादशी: पितरों के लिए विशेष उपाय
मोक्षदा एकादशी, जो 01 दिसंबर को मनाई जाएगी, पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जैसे तुलसी की पूजा, दीपदान, और गीता का पाठ। जानें इन उपायों का महत्व और कैसे ये पितरों को मोक्ष दिलाने में सहायक होते हैं।
Nov 22, 2025, 08:10 IST
मोक्ष की प्राप्ति के उपाय
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जो इस वर्ष 01 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व है। इसके साथ ही, पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं, जो उन्हें मोक्ष दिलाने में सहायक होते हैं।
मोक्षदा एकादशी पर अपनाएं ये उपाय
- तुलसी की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इसके बाद, कुछ पत्ते जल में प्रवाहित करें या पीपल के पेड़ की जड़ में रखें। देवी तुलसी को मोक्ष देने वाली माना जाता है, जिससे पितरों को सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
- दीपदान: शाम को अपने घर के दक्षिण दिशा में या पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है, और यहां दीपदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- पीपल की पूजा: इस दिन पीपल के वृक्ष को जल दें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें। इससे पितृ दोष शांत होता है और उन्हें मुक्ति मिलती है।
- ब्राह्मण भोज और दान: एकादशी व्रत के पारण से पहले किसी गरीब या ब्राह्मण को बुलाकर सात्विक भोजन कराएं और उन्हें वस्त्र, अन्न या दक्षिणा का दान करें। पीले रंग की वस्तुएं दान करने से विशेष लाभ होता है।
- गीता का पाठ: यह एकादशी गीता जयंती के रूप में भी मनाई जाती है, इसलिए इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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