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यमुनानगर में लकड़ी के गिरते दामों से किसान परेशान

यमुनानगर में किसान पोपुलर और सफेदा की खेती से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि लकड़ी की कीमतें गिर रही हैं। मंडी में लकड़ी की आवक कम होने के बावजूद कीमतों में गिरावट ने सभी को चौंका दिया है। किसान और आढ़ती इस गिरावट का कारण उद्योगपतियों के एकाधिकार को मानते हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
 

यमुनानगर में किसानों की चिंताएं बढ़ीं

यमुनानगर समाचार : पोपुलर और सफेदा के किसान इस समय गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मंडी में लकड़ी की कीमतें गिर रही हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। मंडौली मंडी में लकड़ी लाने वाले किसान और आढ़ती बताते हैं कि पिछले 15 दिनों में सभी प्रकार की लकड़ी की कीमतें 300 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गई हैं। जो लकड़ी पहले 1700 रुपये प्रति क्विंटल बिकती थी, वह अब 1300 से 1400 रुपये पर आ गई है। इसी तरह, 1450 रुपये प्रति क्विंटल वाली लकड़ी अब 1150 से 1200 रुपये में बिक रही है।


मंडी में लकड़ी की कमी के बावजूद कीमतों में गिरावट

हाल के दिनों में मंडी में लकड़ी की कीमतों में गिरावट ने न केवल किसानों बल्कि आढ़तियों को भी चौंका दिया है। लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है और रास्तों पर कीचड़ होने के कारण ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे लकड़ी की कटाई पर बुरा असर पड़ा है। एक महीने पहले जहां रोजाना 800 से 900 गाड़ियां लकड़ी लेकर आती थीं, अब औसतन केवल 500 गाड़ियां ही आ रही हैं। सप्लाई कम होने और डिमांड स्थिर रहने के बावजूद कीमतों में गिरावट ने सभी को हैरान कर दिया है।


किसानों का आरोप: उद्योगपति कर रहे हैं मनमानी

किसान और आढ़ती मानते हैं कि कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण फैक्ट्री मालिकों का संगठित होकर एकाधिकार बनाना है। मंडी में फैक्ट्री मालिक एक समान दर लगाते हैं, जैसे कि पहले से तय करके आए हों। नवरात्र और दिवाली के दौरान प्लाईवुड व्यापारियों के पास अच्छे ऑर्डर हैं और लकड़ी की मांग भी बढ़ी हुई है, फिर भी कीमतें गिर रही हैं। किसानों का आरोप है कि उद्योगपति मिलकर बाजार को नियंत्रित कर रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है।


यूरिया रेट का वायरल मैसेज

जगाधरी प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का सोशल मीडिया ग्रुप वायरल हो रहा है। इसमें फैक्ट्री मालिकों के संदेश से यह स्पष्ट होता है कि वे कच्चे माल की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। ग्रुप में कृषि ग्रेड यूरिया के रेट का संदेश वायरल है, जिसमें फैक्ट्री मालिक आपस में तय कर रहे हैं कि कोई भी 550 रुपये से अधिक का यूरिया नहीं खरीदे।


जेके बिहानी का बयान

हरियाणा प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके बिहानी ने लकड़ी की कीमतों और आरोपों पर कहा कि बाजार की जरूरत के अनुसार दरें तय होती हैं। इसे कोई मिलकर प्रभावित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण प्लाईवुड की सप्लाई कम हो जाती है और मांग कम होने पर कीमतों में गिरावट स्वाभाविक है। हालांकि, किसान और आढ़ती इन दावों से सहमत नहीं हैं।