योगिनी एकादशी 2025: व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी 2025: व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी 2025 का पंचांग: व्रत, शुभ समय और महत्व: 21 जून 2025 को योगिनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा, जो हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एकादशी भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष अवसर है। यदि आप जानना चाहते हैं कि इस दिन का पंचांग क्या कहता है, शुभ मुहूर्त कब है, और इस व्रत का महत्व क्या है, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। आइए, इस पवित्र दिन की सभी जानकारियों को सरल और रोचक तरीके से समझते हैं।
योगिनी एकादशी का धार्मिक महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इस बार यह शनिवार को है, जो इसे और भी खास बनाता है। भक्त इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और दिनभर उपवास रखते हैं। इस व्रत की कथा सुनने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इसका महत्व धार्मिक ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी है, क्योंकि यह नक्षत्र और योग का अनोखा संयोग लेकर आता है।
शुभ और अशुभ मुहूर्त
इस दिन के शुभ मुहूर्त आपके कार्यों को सफल बनाने में सहायक होते हैं। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:53 तक रहेगा, जो नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:24 से 3:25 तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 6:22 से 7:22 तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:05 से 5:09 तक रहेगा, जो ध्यान और पूजा के लिए सर्वोत्तम समय है। हालांकि, राहुकाल सुबह 8:53 से 10:37 तक रहेगा, इस दौरान कोई शुभ कार्य न करें। दुष्टमुहूर्त और यमगण्ड काल से भी बचें, क्योंकि ये समय अशुभ माने जाते हैं। पूर्व दिशा में दिशा शूल होने के कारण इस दिशा में यात्रा से बचें।
सूर्य और चंद्रमा की गणनाएं
सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:21 बजे। चंद्रमा मेष राशि में रहेगा और चंद्रोदय देर रात 2:07 बजे होगा। इस दिन अश्विनी नक्षत्र 7:51 बजे तक प्रभावी रहेगा, और अतिगंड योग रात 8:28 तक रहेगा। ये खगोलीय स्थितियाँ आपके दिन को प्रभावित करती हैं, इसलिए इनका ध्यान रखें। ग्रीष्म ऋतु में यह दिन और भी खास है, क्योंकि इस समय प्रकृति का संतुलन आपके स्वास्थ्य और मन को प्रभावित करता है।
चंद्रबल और ताराबल: राशियों के लिए खास
इस दिन मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, और कुम्भ राशि वालों को चंद्रबल प्राप्त होगा, जो उनके लिए शुभ रहेगा। ताराबल की दृष्टि से अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, और कई अन्य नक्षत्रों को लाभ मिलेगा। यदि आपकी राशि या नक्षत्र इनमें से है, तो यह दिन आपके लिए विशेष हो सकता है। पूजा, दान, और मंत्र जाप इस दिन और प्रभावी होंगे। क्या आप इस दिन कोई विशेष पूजा करने की योजना बना रहे हैं? यदि हां, तो अपने ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।