रविवार के विशेष उपाय: लाभकारी रवि योग का महत्व
पूजा विधि से पूर्ण होंगे इच्छित कार्य
रविवार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि
आज रविवार को रवि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से इच्छित कार्यों की पूर्ति होती है। पंचांग के अनुसार, सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। षष्ठी तिथि का समय 11 अक्टूबर को शाम 4:43 बजे से शुरू होकर 12 अक्टूबर को दोपहर 2:16 बजे तक रहेगा।
रविवार का व्रत: मोक्ष की प्राप्ति का साधन
हालांकि रविवार को कोई विशेष त्योहार नहीं है, लेकिन जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, वे इस दिन व्रत रख सकते हैं। अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार का व्रत रखने से साधक को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे 12 रविवार तक जारी रखा जा सकता है, और इसे किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से आरंभ किया जा सकता है।
व्रत और पूजा की विधि
व्रत आरंभ करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म और स्नान करें। फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें, एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें। इसके बाद व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल, फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें। इस प्रक्रिया से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मंत्र जाप का महत्व
रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र 'ऊं सूर्याय नम:' या 'ऊं घृणि सूर्याय नम:' का जप करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन गुड़ और तांबे का दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
व्यवसायिक कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ दिन
रविवार का दिन जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता लाने के लिए अत्यंत लाभकारी है। ज्योतिष में रवि योग को शुभ माना जाता है, जो तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित कार्यों की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी होता है।