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रेबीज से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण आवश्यक: डॉ. प्रबल राय

ग्रेटर फरीदाबाद के एकॉर्ड अस्पताल में विश्व रेबीज दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. प्रबल राय ने रेबीज के खतरों और समय पर टीकाकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रेबीज एक गंभीर बीमारी है जो संक्रमित जानवरों के काटने से फैलती है। समय पर उपचार न लेने पर यह जानलेवा हो सकता है। जानें इसके लक्षण और टीकाकरण के महत्व के बारे में।
 

रेबीज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन


ग्रेटर फरीदाबाद। सेक्टर-86 में स्थित एकॉर्ड अस्पताल में विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रबल राय ने उपस्थित लोगों को बताया कि रेबीज एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्यतः पागल कुत्ते, बिल्ली, बंदर या अन्य संक्रमित जानवरों के काटने से फैलती है।


उपचार न लेने पर जानलेवा हो सकता है

डॉ. राय ने बताया कि यदि समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। रेबीज के लक्षणों में बुखार, बेचैनी, सिरदर्द, गले में खराश, पानी का डर (हाइड्रोफोबिया) और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं। उन्होंने सलाह दी कि किसी भी जानवर के काटने के तुरंत बाद घाव को 15 मिनट तक बहते पानी और साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए और फिर नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।


रेबीज का टीकाकरण

डॉ. प्रबल राय ने बताया कि रेबीज का टीकाकरण चार से पांच डोज में किया जाता है, और इसे निर्धारित समय पर लगवाना बहुत जरूरी है। यदि टीका लगाने में देरी की जाती है या बीच में ही रोक दिया जाता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी जानवर के काटने को हल्के में न लें, क्योंकि यह केवल कुत्ते के काटने से ही नहीं, बल्कि बिल्ली, बंदर या अन्य जंगली जानवरों के काटने से भी फैल सकता है। इसलिए जागरूक रहकर समय पर इलाज कराना आवश्यक है।