रेलवे कर्मचारियों के बोनस की नई जानकारी: 78 दिनों के वेतन का असली मतलब
रेलवे कर्मचारियों के बोनस का अपडेट
रेलवे कर्मचारियों के बोनस का अपडेट: त्योहारों के समय में, सरकार लगभग 11 लाख रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (PLB) प्रदान करेगी। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि क्या वास्तव में रेलवे कर्मचारियों को ढाई महीने के वेतन के बराबर बोनस मिलता है? इसका उत्तर है नहीं। यह पूरी तरह से सच नहीं है। सरकार बोनस की गणना इस तरह करती है कि वास्तविक राशि कम हो जाती है। असल में, बोनस 78 दिनों के वेतन से काफी कम होता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
बोनस की गणना कैसे होती है
हर साल, सरकार अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों (ग्रुप सी और ग्रुप डी) को उत्पादकता से जुड़े बोनस (PLB) देती है। इस वर्ष, सरकार ने 2024-25 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत लगभग 1,865.68 करोड़ रुपये होगी।
हालांकि, इस बोनस की गणना के लिए कर्मचारी के वास्तविक वेतन का उपयोग नहीं किया जाता है। सरकार ने बोनस की गणना के लिए अधिकतम मासिक वेतन 7,000 रुपये निर्धारित किया है। इसका मतलब है कि यदि कोई रेलवे कर्मचारी 30,000 रुपये या 50,000 रुपये प्रति माह कमाता है, तो भी बोनस की गणना केवल 7,000 रुपये पर ही की जाएगी।
बोनस की गणना का सूत्र
- (मासिक वेतन ÷ 30) × बोनस दिनों की संख्या
- अधिकतम वेतन सीमा का उपयोग करते हुए:
(7,000 ÷ 30) × 78 = 18,200 रुपये
हालांकि, सरकार ने अधिकतम बोनस को थोड़ा कम रखा है। इस वर्ष, प्रत्येक पात्र कर्मचारी को अधिकतम 17,951 रुपये मिलेंगे। इसलिए, यदि 78-दिवसीय बोनस की घोषणा की जाती है, तो किसी को भी 17,951 रुपये से अधिक नहीं मिलेगा।
वास्तविक वेतन और बोनस का संबंध
78-दिवसीय वेतन का शब्द बड़ा और आकर्षक लगता है, लेकिन यह केवल एक तकनीकी शब्द है। यह कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रतीकात्मक बोनस है। वेतन सीमा के कारण, कई कर्मचारियों के लिए यह बोनस वास्तविक वेतन से बहुत कम है।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस मिलेगा, लेकिन यह उनके वास्तविक वेतन के 78 दिनों के बराबर नहीं है। 7,000 रुपये प्रति माह की वेतन सीमा के कारण बोनस की अधिकतम राशि 17,951 रुपये है। यह कई कर्मचारियों की अपेक्षा से कम हो सकता है।