शनिवार को हनुमान जी की पूजा: संकटों से मुक्ति का मार्ग
हनुमान जी की विशेष पूजा का महत्व
शनिवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान हो जाता है। यदि आप भी दुख और कष्ट से जूझ रहे हैं, तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। इसमें यह बताया गया है कि हनुमान जी ने कठिनाइयों का सामना करते हुए कैसे अपने मार्ग को प्रशस्त किया। समुद्र भी छोटा हो जाता है और विष अमृत के समान बन जाता है। इसके लिए हमें भगवान राम की शरण में जाना होगा। संकटों से मुक्ति पाने के लिए शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना या सुंदरकांड का पाठ करना लाभकारी हो सकता है।
हनुमान चालीसा की चौपाई का अर्थ
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा॥
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥1॥
इस चौपाई का अर्थ है कि अयोध्यापुरी के राजा श्री रधुनाथजी को हृदय में रखकर नगर में प्रवेश करें और सभी कार्य करें। इसके लिए विष अमृत में बदल जाता है, शत्रु मित्र बन जाते हैं, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, और अग्नि में ठंडक आ जाती है।
हनुमान जी की कृपा का प्रभाव
गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही। राम कृपा करि चितवा जाही॥
अति लघु रूप धरेउ हनुमाना। पैठा नगर सुमिरि भगवाना॥2॥
इस चौपाई का अर्थ है कि हे गरुड़जी, किस प्रकार कठिनाई सरल हो जाएगी। यदि भगवान राम ने किसी पर कृपा कर दी, तो पर्वत भी एक कण के समान हो जाता है। इस चौपाई के अनुसार, सुमेरु पर्वत उसके लिए रज के समान हो जाता है, जिसे श्री रामचंद्रजी ने एक बार कृपा करके देख लिया। फिर हनुमान जी ने माता सीता का पता लगाने के लिए नगर में प्रवेश करने के लिए अति लघु रूप धारण कर लिया।