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शारदीय नवरात्र: मां दुर्गा की पूजा और जौ बोने की विधि

शारदीय नवरात्र का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान घट स्थापना का महत्व और जौ बोने की विधि पर चर्चा की गई है। जानें घट स्थापना के मुहूर्त और जौ बोने के लिए आवश्यक सामग्री। इस पर्व के दौरान मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

शारदीय नवरात्र का महत्व

मां दुर्गा को समर्पित है शारदीय नवरात्र
Shardiya Navratri, नई दिल्ली: 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र का आरंभ हो रहा है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और व्रत का पालन किया जाता है। पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसमें जौ बोए जाते हैं।


घट स्थापना का मुहूर्त

घट स्थापना मुहूर्त

  • सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक


अभिजीत मुहूर्त

घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त

  • सुबह 11:49 से 12:38 बजे तक


जौ बोने की सामग्री और विधि

जौ बोने की सामग्री

  • जौ, जल, मिट्टी या रेत, मिट्टी का पात्र या कटोरा।
  • जौ बोने की विधि
  • जौ को पहले साफ करें।
  • मिट्टी के पात्र में स्वास्तिक बनाएं।
  • मिट्टी या रेत डालें।
  • फिर जौ डालें और पानी डालें।
  • रोजाना पूजा के समय जौ पर पानी छिड़कें।

    इन बातों का रखें ध्यान

  • जौ पर रोजाना हल्का जल छिड़कें।
  • रोजाना पूजा-अर्चना करें।
  • जौ के आसपास सफाई का ध्यान रखें।
    नवरात्र के बाद जौ को पवित्र नदी में प्रवाहित करें।


घट स्थापना की प्रक्रिया

कैसे करें घट स्थापना

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्र में घट स्थापना से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। कलश स्थापना के लिए चांदी, मिट्टी या तांबे के कलश का चयन करें। सुबह स्नान के बाद मंदिर की सफाई करें। घटस्थापना के स्थान पर गंगाजल छिड़कें।

हल्दी से अष्टदल बनाएं। अब कलश में जल भरें और गंगाजल डालें। इसके साथ सिक्का, फूल और अक्षत डालें। नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर कलश के ऊपर रखें। कलश पर रोली से तिलक करें। अंत में मां दुर्गा का ध्यान रखें।