शारदीय नवरात्रि 2025: मां कुष्मांडा की पूजा का महत्व
मां कुष्मांडा की पूजा का दिन
शारदीय नवरात्रि 2025 में मां कुष्मांडा: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा की आराधना के लिए विशेष रूप से समर्पित है। मां दुर्गा का यह चतुर्थ स्वरूप भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। मां कुष्मांडा की पूजा को ऊर्जा देने वाली माना जाता है। इस दिन मां कुष्मांडा की कथा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। मां कुष्मांडा को आठ भुजाओं वाली देवी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए इन्हें अष्ठभुजा देवी भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा करने से बुध ग्रह की शक्ति में वृद्धि होती है।
मां कुष्मांडा को भोग के रूप में पीले रंग का केसर वाला पेठा अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, मालपुआ और बताशे भी देवी को चढ़ाए जाते हैं।
पूजा मंत्र
मां कुष्मांडा का पूजा मंत्र: ऊं कुष्माण्डायै नम:
बीज मंत्र: कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
ध्यान मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥