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संकट नाशन गणेश स्तोत्र: लाभ और पाठ विधि

संकट नाशन गणेश स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसमें 12 श्लोक शामिल हैं। यह स्तोत्र विभिन्न समस्याओं जैसे आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह का समाधान करने में मदद करता है। नियमित पाठ से लाभ प्राप्त करने के लिए सही विधि जानें और अपने जीवन में सुख-शांति लाएं।
 

संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ

संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ: यह स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित है और इसमें 12 शक्तिशाली श्लोक शामिल हैं, जो नारद पुराण में वर्णित हैं। मान्यता है कि जब भी भक्त इसे सुनते हैं, गणपति हर प्रकार की बाधा को तुरंत समाप्त कर देते हैं। चाहे नौकरी में रुकावट हो, आर्थिक संकट हो, स्वास्थ्य समस्याएं हों या पारिवारिक कलह, केवल 5 मिनट का नियमित पाठ सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है। आइए, इस स्तोत्र के लाभ और इसे पढ़ने की विधि के बारे में जानते हैं।


संकट का त्वरित समाधान

इस स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक में गणेश जी के विभिन्न रूपों का उल्लेख है। पहले श्लोक का पाठ करते ही मानसिक अवरोध दूर हो जाते हैं। तीसरा श्लोक धन संबंधी बाधाओं को समाप्त करता है, जबकि पांचवां श्लोक स्वास्थ्य में सुधार लाता है। कई लोग जो वर्षों से कानूनी मामलों, कर्ज या दुश्मनों से परेशान हैं, इसे पढ़कर चमत्कारिक परिणाम देख सकते हैं। नियमित पाठ से 21 दिनों में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगते हैं।


धन की वर्षा

माता लक्ष्मी गणेश जी की मौसी मानी जाती हैं। यह स्तोत्र धन को आकर्षित करने वाला माना जाता है। यदि व्यवसाय में घाटा हो, वेतन में वृद्धि नहीं हो रही हो या कर्ज चुकाने का कोई रास्ता न दिखे, तो सुबह-सुबह इस स्तोत्र का पाठ करें। इससे नए आय के रास्ते अपने आप खुलने लगते हैं।


स्वास्थ्य में सुधार

नियमित पाठ करने से पेट दर्द, शुगर, और उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियों में कमी आ सकती है। मानसिक तनाव, अवसाद और नींद न आने की समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं। मानसिक शांति का अनुभव होने लगता है।


घर में सुख-शांति

इस स्तोत्र का पाठ शुरू करते ही घर का माहौल शांत हो जाता है। पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है, बच्चे आज्ञाकारी बनते हैं, और परिवार में झगड़े समाप्त हो जाते हैं। पड़ोसियों के साथ भी संबंध सुधरने लगते हैं।


हर नए कार्य में सफलता

यदि नई नौकरी जॉइन करनी हो, व्यवसाय शुरू करना हो, परीक्षा देनी हो, विदेश यात्रा करनी हो या विवाह की बात अटक रही हो, तो काम शुरू करने से पहले इस स्तोत्र का पाठ करें। इससे सभी कार्य सफल होते हैं। गणेश जी हर कदम पर साथ होते हैं।


रोजाना पाठ का महत्व

गणेश जी को पहले पूज्य माना जाता है। उनकी पूजा के बिना कोई कार्य प्रारंभ नहीं होता। रोज सुबह इस स्तोत्र का पाठ करने से दिनभर उनकी कृपा बनी रहती है। छोटी-छोटी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।


पाठ विधि

नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें, आसन बिछाएं। घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं। गणेश जी को लड्डू या मोदक चढ़ाएं। दोनों हाथ जोड़कर “ॐ गं गणपतये नमः” 11 बार बोलें। फिर पूरा संकट नाशन गणेश स्तोत्र पढ़ें। अंत में “ॐ गं गणपतये नमः” 21 बार जपें, आरती करें और प्रसाद बांट दें।
संकटनाशन गणेश स्तोत्र (संक्षिप्त)