सावन पूर्णिमा 2025: चंद्र दोष निवारण के लिए विशेष उपाय
सावन पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन विशेष महत्व रखता है, विशेषकर जब यह सावन के महीने में आता है। सावन पूर्णिमा, जो 2025 में 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी, भगवान शिव और चंद्रमा की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता में होता है, और इस समय की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार, चंद्र दोष से प्रभावित व्यक्तियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है। इस दिन कुछ विशेष उपायों और मंत्रों का जाप करके चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.चंद्र दोष निवारण के उपाय
ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में चंद्र दोष है, तो उसे मानसिक अशांति, तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सावन पूर्णिमा पर चंद्र दोष निवारण के लिए कुछ प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं।
चंद्र कवचम् का पाठ: 'चंद्र कवचम्' भगवान चंद्रदेव को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इसका नियमित पाठ करने से मन की शांति मिलती है और चंद्र दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
चंद्र स्तोत्र का पाठ: 'चंद्र स्तोत्र' का जाप करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो भावनात्मक अस्थिरता का अनुभव करते हैं।
भगवान शिव की पूजा: सावन मास भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करना अत्यंत शुभ है। शिवजी को जल, दूध, बेलपत्र और भांग-धतूरा अर्पित करें और ओम नमः शिवाय का जाप करें।
चंद्र देव को अर्घ्य दें: इस दिन रात में चंद्रमा को दूध और जल मिश्रित अर्घ्य देने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं।
श्वेत वस्तुओं का दान: पूर्णिमा के दिन सफेद वस्तुओं जैसे चावल, दूध, चीनी, सफेद वस्त्र या चांदी का दान करना शुभ माना जाता है।
उपवास रखना: सावन पूर्णिमा का उपवास रखने से भी चंद्र दोष का निवारण होता है।
इन उपायों को अपनाकर आप सावन पूर्णिमा 2025 के शुभ अवसर पर चंद्रदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं।