सावन में बेलपत्र चढ़ाने का महत्व और सही विधि
सावन 2025: शिवभक्ति का उत्सव
Sawan 2025: सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जिसमें भक्तों में भगवान शिव के प्रति भक्ति का उत्साह अपने चरम पर है। इस वर्ष सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को आएगा, जिसका इंतजार शिवभक्त बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं। इस दिन मंदिरों और घरों में 'हर-हर महादेव' के जयकारे गूंजते हैं। लोग व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, दूध, दही, शहद, चंदन, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करते हैं.
बेलपत्र के तीन पत्तों का रहस्य
क्या आपने कभी सोचा है कि शिवलिंग पर केवल तीन पत्तों वाला बेलपत्र ही क्यों चढ़ाया जाता है? इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक कारण दोनों हैं। मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने कालकूट विष का पान किया था, तब बेलपत्र ने उन्हें शीतलता प्रदान की थी। तभी से बेलपत्र भगवान शिव के लिए अत्यंत प्रिय माना गया है। तीन पत्तों वाला बेलपत्र शिव के तीनों नेत्रों का प्रतीक है और इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेवों की निशानी भी माना जाता है। यही कारण है कि शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है.
बेलपत्र चढ़ाने की विधि
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका इस प्रकार है:
- बेलपत्र को चढ़ाने से पहले अच्छे से धो लें।
- कटे-फटे या सूखे बेलपत्र का उपयोग न करें।
- बेलपत्र की डंडी आपकी ओर होनी चाहिए।
- बेलपत्र चढ़ाते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप अवश्य करें।
बेलपत्र चढ़ाने के लाभ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही संतान प्राप्ति, आर्थिक लाभ और मानसिक शांति जैसे अनेक लाभ भी मिलते हैं। इस सावन सोमवार, सही तरीके से बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन की समस्याओं को दूर करें!