सावन सोमवार: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए जानें व्रत के नियम और तिथियां
सावन का महीना और इसका महत्व
हिंदू धर्म में सावन का महीना अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इसे भगवान शिव का प्रिय समय माना जाता है, जब भोलेनाथ माता पार्वती के साथ धरती पर आते हैं। इस कारण सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है। भक्तजन इस दिन व्रत, उपवास और शिव पूजा करके अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं.
सावन सोमवार का व्रत और इसके लाभ
मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत न केवल इच्छाओं की पूर्ति करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि का भी साधन बनता है। यदि आप भी शिवभक्त हैं और इस सावन सोमवार व्रत को श्रद्धा से करना चाहते हैं, तो कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है.
2025 में सावन सोमवार की तिथियां
इस वर्ष सावन में चार सोमवार आएंगे, जिनकी तिथियां इस प्रकार हैं:
पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025
चौथा और अंतिम सोमवार – 4 अगस्त 2025
सावन सोमवार का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी पवित्र महीने में माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से यह परंपरा है कि सावन में शिव-पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं.
सावन सोमवार व्रत के शुभ कार्य
ब्राह्म मुहूर्त में स्नान: सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। साफ वस्त्र पहनें और शिवजी का स्मरण करें.
उपवास और सात्विक आहार: पूरे दिन उपवास रखें और फल, दूध या जल का सेवन करें। तामसिक भोजन से दूर रहें.
शिवलिंग पर पंचामृत और बेलपत्र अर्पित करें: भगवान शिव की पूजा में पंचामृत, दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें.
शाम को शिव आरती और चंद्रमा को अर्घ्य: व्रत के बाद शाम को शिव जी की आरती करें और चंद्रमा को जल अर्पित करें.
पवित्रता बनाए रखें: झूठ बोलने, निंदा करने और बुरा सोचने से बचें। संयम और सेवा का भाव रखें.
सावन सोमवार व्रत में किन बातों से बचें
बाल और नाखून न काटें.
किसी से कटु वचन न बोलें.
क्रोध, आलस्य और लोभ से दूर रहें.
अन्न-भोजन से जितना हो सके परहेज करें.
पूजा से पहले शरीर और मन की पवित्रता बनाए रखें.
सावन सोमवार का व्रत और उसकी महत्ता
आपको यह जानकर खुशी होगी कि सावन सोमवार का व्रत सच्ची श्रद्धा और नियम से किया जाए तो शिवजी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं। यह व्रत केवल फल पाने का साधन नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और जीवन में संतुलन लाने का भी माध्यम है.