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सीतामढ़ी में मां सीता मंदिर का निर्माण: धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार के पटना में मां सीता मंदिर की आधारशिला रखेंगे। यह मंदिर सीतामढ़ी में मां सीता की जन्मस्थली पर बन रहा है, जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य के आर्थिक विकास में भी सहायक होगा। इस मंदिर के परिसर में कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जैसे यज्ञ मंडप, म्यूजियम, और धर्मशाला। जानें इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में और भी रोचक बातें।
 

मंदिर की आधारशिला का महत्व

आज बिहार के पटना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां सीता मंदिर की आधारशिला रखेंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इस अवसर को मिथिला के लोगों के लिए एक शुभ दिन बताया है। इस मंदिर के निर्माण से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह राज्य के आर्थिक विकास में भी सहायक होगा। जैसे राम मंदिर के निर्माण ने स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाया है।


आर्थिक और धार्मिक लाभ

मां सीता मंदिर के निर्माण से बिहार के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, भक्तों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत ट्रेन को भी मंजूरी दी गई है। इस मंदिर का निर्माण 900 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर अयोध्या सहित देशभर से कई प्रमुख साधु-संत पटना पहुंच रहे हैं।


मंदिर परिसर की सुविधाएं

नए मंदिर के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। परिसर में यज्ञ मंडप, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल का मैदान, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, धर्मशाला, भजन-कीर्तन स्थल, यात्री गेस्ट हाउस, ई-कार्ट स्टेशन, मिथिला हाट, और पार्किंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।


मां सीता का पौराणिक महत्व

मां सीता का मंदिर रामायण और हिंदू धर्म से गहरा संबंध रखता है। उन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। सीता माता के मंदिर भक्ति और पवित्रता का प्रतीक हैं, जो नारी शक्ति और त्याग की भावना को दर्शाते हैं। सीतामढ़ी, जहां मां सीता का जन्म हुआ, इस संदर्भ में विशेष महत्व रखता है।


सीतामढ़ी के प्रमुख मंदिरों की विशेषताएं

सीतामढ़ी को जानकी मां सीता का जन्मस्थान माना जाता है। कहा जाता है कि राजा जनक को मां सीता धरती से मिलीं थीं। अयोध्या में उनकी पूजा भगवान राम के साथ होती है। इसके अलावा, सीता कोट्टई, जो तमिलनाडु में है, उस स्थान से जुड़ा है जहां रावण ने सीता माता का अपहरण किया था। इन मंदिरों में नवरात्रि, रामनवमी और सीता जयंती जैसे अवसरों पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।