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सुप्रीम कोर्ट का फैसला: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज फैसला सुनाया जाएगा। इस आदेश के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें एनजीओ और कुत्ता प्रेमी शामिल हैं। अदालत ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है और बंध्याकरण तथा टीकाकरण को स्थायी समाधान बताया है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और फैसले का क्या असर होगा।
 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों के मामले में: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट आज अपना निर्णय सुनाएगा। 11 अगस्त को दिए गए आदेश में अदालत ने निर्देश दिया था कि सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को उठाकर शेल्टर होम में रखा जाए और सरकार को तुरंत शेल्टर बनाने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही, अदालत ने आठ हफ्तों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस आदेश का विरोध करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


विरोध प्रदर्शन

इस आदेश के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई एनजीओ और कुत्ता प्रेमियों ने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया और इसे पशु अधिकारों का उल्लंघन बताया। इस मामले पर 14 अगस्त को तीन जजों की विशेष पीठ ने सुनवाई की और निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अब यह फैसला 22 अगस्त को सुनाया जाएगा।


आवारा कुत्तों की समस्या

आवारा कुत्तों की समस्या: सुनवाई के दौरान अदालत ने स्वीकार किया कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है। अदालत ने कहा कि यदि समय पर एनिमल बर्थ कंट्रोल नियमों के तहत बंध्याकरण और टीकाकरण की प्रक्रिया लागू की जाती, तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि भारत में 2024 में लगभग 37.15 लाख कुत्ते काटने के मामले सामने आए, यानी औसतन हर दिन करीब 10 हजार केस दर्ज हुए। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पिछले साल भारत में कुत्ते के काटने से 305 मौतें हुईं।


11 अगस्त के आदेश पर रोक

पशु अधिकार संगठनों की अपील: पशु अधिकार संगठनों के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे लाखों कुत्तों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि बंध्याकरण और टीकाकरण ही समस्या का स्थायी समाधान है, न कि बड़े पैमाने पर पकड़े जाने और शेल्टर में बंद करने से। फैसले की लाइव स्क्रीनिंग दिल्ली के जंतर-मंतर पर सुबह 10 बजे से विभिन्न एनजीओ द्वारा कराई जाएगी।