×

सूर्य-चंद्र युति 2025: तीन राशियों के लिए शुभ संकेत

अगस्त 2025 में सूर्य-चंद्र की युति कई राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आ रही है। विशेष रूप से सिंह, तुला और मीन राशि के जातकों को आर्थिक लाभ, पारिवारिक शांति और रिश्तों में सुधार की संभावना है। जानें कैसे यह युति आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
 

सूर्य-चंद्र युति का महत्व

सूर्य-चंद्र युति 2025: अगस्त में कई ग्रहों की युति बन रही है। सबसे पहले मिथुन राशि में चंद्रमा, शुक्र और गुरु का मिलन हुआ। इसके बाद कर्क राशि में बुध और चंद्रमा एक साथ रहेंगे। इसके अतिरिक्त, मिथुन राशि में गुरु-शुक्र की युति भी बन रही है, जो अगस्त में समाप्त हो जाएगी। 23 सितंबर 2025 को सिंह राशि में सूर्य और चंद्रमा का मिलन होगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी के अगले दिन 17 अगस्त को सुबह 2 बजे सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जहां वह 17 अक्टूबर तक रहेंगे। 23 सितंबर को सुबह 12:16 बजे सूर्य देव सिंह राशि में कदम रखेंगे और 25 अगस्त की सुबह 8:28 बजे तक वहां रहेंगे।


सूर्य-चंद्र की युति का प्रभाव

सूर्य, जो आत्मा, मान-सम्मान, त्वचा और आत्मविश्वास का प्रतीक है, और चंद्रमा, जो मन, माता, मानसिक स्थिति, विचार और स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है, का मिलन कई राशियों के लिए शुभ रहेगा। आइए जानते हैं कि यह युति किन तीन राशियों के लिए लाभकारी साबित होगी।


सिंह राशि

23 सितंबर 2025 को सूर्य-चंद्र की युति सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगी। पुराने निवेश से अचानक लाभ मिलने की संभावना है, जिससे आर्थिक संकट से बचा जा सकेगा। परिवार में चल रहे विवाद बातचीत के माध्यम से सुलझेंगे और रिश्तों में निकटता आएगी। अविवाहित जातकों के लिए इस माह अच्छे प्रस्ताव आ सकते हैं। उम्रदराज जातकों के बीच चल रहे विवाद समाप्त होंगे और घर में सकारात्मकता का माहौल बनेगा।


तुला राशि

सूर्य-चंद्र की युति तुला राशि के जातकों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी। अब आप अपनी बातों को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पाएंगे और लोगों से मिलने-जुलने में आसानी होगी। आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और परिवार में सुख-शांति का माहौल बनेगा। पुराने विवाद सुलझ जाएंगे और अविवाहित जातकों के लिए विवाह के अच्छे रिश्ते आ सकते हैं, लेकिन हां कहने से पहले जांच-पड़ताल अवश्य करें।


मीन राशि

सूर्य-चंद्र की युति मीन राशि के जातकों के लिए भी सुखदायक होगी। कारोबारियों को पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने की संभावना है, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौकरीपेशा जातकों की आमदनी बढ़ेगी। मानसिक शांति मिलने से उम्रदराज जातकों की सेहत में सुधार होगा। इसके अलावा, पोते-पोतियों के साथ रिश्ते सुधरेंगे और घर में शांति का माहौल बना रहेगा।