सूर्य मंदिरों की यात्रा: स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण स्थान
सूर्य का महत्व और ज्योतिष में स्थान
नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ है, तो वह नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। ज्योतिष में सूर्य आत्मा और पिता का प्रतीक है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को एक देवता और ग्रह दोनों के रूप में देखा जाता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, हिंदू धर्म में पंच देवताओं में सूर्य देव का विशेष स्थान है।
सूर्य के अशुभ प्रभाव
सूर्य को आयु, स्वास्थ्य, और ऐश्वर्य का दाता माना जाता है। यह व्यक्तित्व, अधिकार, और सरकारी नौकरी के प्रतीक भी हैं। यदि किसी की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में है, तो उसे मान-सम्मान की हानि का सामना करना पड़ सकता है।
सूर्य की खराब स्थिति स्वास्थ्य समस्याओं, नौकरी में कठिनाइयों, और आत्मविश्वास में कमी का कारण बन सकती है।
सूर्य देव की आराधना
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव स्वास्थ्य के देवता हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित भक्त सूर्य के दर्शन कर स्वास्थ्य की मन्नत मांग सकते हैं।
भारत में कई सूर्य मंदिर हैं, जहां जाकर भक्त सूर्य के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पा सकते हैं।
प्रमुख सूर्य मंदिर
कोणार्क सूर्य मंदिर, जो जगन्नाथ पुरी में स्थित है, भारत का सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। इसे विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है।
गुजरात में मोढेरा का सूर्य मंदिर भी प्रसिद्ध है, जहां पूजा की अनुमति नहीं है।
कश्मीर का मार्तंड सूर्य मंदिर 8वीं सदी का है, जिसे कर्कोटा वंश के राजा ने बनवाया था।
बिहार में 12 सूर्य मंदिरों में से नौ हैं, जिनमें से देवार्क मंदिर प्रसिद्ध है।
आंध्र प्रदेश में अरसावल्ली का सूर्य मंदिर लगभग 1300 साल पुराना है, जहां साल में दो बार सूर्य की किरणें मूर्ति पर पड़ती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर
बिहार के गया में दक्षिणायन सूर्य मंदिर की प्रतिमा सतयुग काल की मानी जाती है।
राजस्थान के झालावाड़ में सूर्य मंदिर स्थित है, जहां भगवान विष्णु की प्रतिमा है।
मध्य प्रदेश में उनाव-बालाजी सूर्य मंदिर है, जहां त्वचा रोगों का उपचार होता है।
तमिलनाडु में कुंभकोणम के पास सूर्यनार कोविल एक ऐतिहासिक मंदिर है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कटारमल सूर्य मंदिर भगवान सूर्य की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।