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सोम प्रदोष व्रत 2025: शिव की कृपा पाने के उपाय और महत्व

सोम प्रदोष व्रत 2025 का महत्व जानें और जानें कैसे इस दिन भगवान शिव की पूजा से आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं। इस व्रत के दौरान किए जाने वाले विशेष उपायों और पूजा विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जानें कैसे शिव चालीसा का पाठ और दान से आप शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
 

सोम प्रदोष व्रत का महत्व

सोम प्रदोष व्रत 2025: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष स्थान है। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, और यह नवंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। सोम प्रदोष पर महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर दूध, गंगाजल, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने का महत्व है, साथ ही रुद्राभिषेक भी किया जाता है।


सोम प्रदोष के दिन के विशेष उपाय

सोम प्रदोष के अवसर पर शाम को दीपदान करना, शिव चालीसा का पाठ करना और जरूरतमंदों को भोजन कराना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।

‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करने से भंडार में वृद्धि होती है।


व्रत के दौरान आहार और पूजा विधि

शिव चालीसा का पाठ:
व्रत के दौरान भक्त केवल सात्विक भोजन का सेवन करते हैं और अनाज, चावल और दाल से परहेज करते हैं।

धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन:
सोम प्रदोष के दिन शिव चालीसा का पाठ करना और शिव पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए।


सोम प्रदोष के उपाय

विवाह में बाधा: 108 बेलपत्रों पर चंदन से ‘श्री राम’ लिखकर अर्पित करें।
धन-धान्य: शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से धन और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।
चित्त की शांति: सुबह भगवान शिव के सामने बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके ‘ॐ’ का उच्चारण करें।
दान: गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।