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हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने का महत्व और विधि

हनुमान जी की पूजा में सरसों का तेल अर्पित करने का विशेष महत्व है, खासकर उन लोगों के लिए जो शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं। इस लेख में जानें कि कब और कैसे हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए, और इसके लाभ क्या हैं। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और जीवन में सफलता पाने में मदद कर सकता है।
 

हनुमान जी की पूजा में सरसों का तेल

हनुमान जी की पूजा में चमेली के तेल और सिंदूर का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव की तरह हनुमान जी को भी सरसों का तेल अर्पित किया जाता है? हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने का विशेष महत्व है। यह उपाय उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी होता है, जो शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी को सरसों का तेल कब और कैसे अर्पित करना चाहिए।


सरसों का तेल चढ़ाने का सही समय और विधि

हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय मंगलवार और शनिवार है। मंगलवार हनुमान जी का दिन है, जबकि शनिवार शनिदेव का। इन दिनों हनुमान जी को सरसों का तेल अर्पित करने से शनि की पीड़ा और अन्य समस्याओं का समाधान होता है।


पूजा की विधि

मंगलवार या शनिवार को सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर हनुमान जी की मूर्ति लें और एक दीपक में सरसों का तेल डालें। मिट्टी का दीपक होना बेहतर है। थोड़ा सा तेल हनुमान जी के शरीर पर लगाएं। इस दौरान 'ॐ श्री हनुमते नमः' और 'ॐ हनुमते नमः' का जाप करें। तेल अर्पित करने के बाद सुंदरकांड, बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में चने और गुड़ का प्रसाद हनुमान जी को अर्पित करें।


हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने के लाभ

हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाने के कई लाभ हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैय्या से प्रभावित हैं। इस उपाय से शनिदेव की क्रूर दृष्टि शांत होती है।


यह उपाय जीवन में आने वाली कठिनाइयों, बाधाओं और परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। माना जाता है कि हनुमान जी को सरसों का तेल अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति को सफलता, शक्ति और साहस प्राप्त होता है।