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हरिद्वार में 24 शक्ति धाराओं का महत्व: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की शक्तियां

नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान हरिद्वार में 24 शक्ति धाराएं स्थित हैं, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। इस लेख में हम इन शक्तियों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि आद्यशक्ति, ब्राह्मी, वैष्णवी, और अन्य देवी शक्तियां। हर शक्ति का अपना एक विशेष गुण और महत्व है, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होती हैं। जानें इन शक्तियों के बारे में और अपने जीवन में उनके प्रभाव को समझें।
 

नवरात्रि का पर्व

नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी माना जाता है। इस अवसर पर भक्तजन मां भगवती की पूजा और आराधना श्रद्धा के साथ करते हैं। क्या आप जानते हैं कि हरिद्वार में एक ऐसा स्थान है, जहां 24 शक्ति धाराएं स्थित हैं? यह धाराएं हरिद्वार के उत्तर में सप्त सरोवर क्षेत्र में ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में मौजूद हैं। इस लेख में हम आपको इन 24 शक्ति धाराओं के बारे में जानकारी देंगे।


मां दुर्गा की शक्तियां

आद्यशक्ति

आद्यशक्ति को सृष्टि की मूल चेतना माना जाता है। इसे आदिदेव ॐ कार के रूप में पूजा जाता है, जिसे परब्रह्म भी कहा जाता है। यहां एक प्रमुख मंदिर है, जिसे ज्ञान मंदिर के नाम से जाना जाता है।


ब्राह्मी

ब्राह्मी को सद्ज्ञान, महाविद्या और सुविचार का प्रतीक माना जाता है। यह सृजनात्मक सद्वृत्तियों के बीजों को जागृत करने वाली महाशक्ति है।


वैष्णवी

वैष्णवी को व्यवस्था और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह शक्ति संसार की सुव्यवस्था और पोषण का कार्य करती है।


शांभवी

शांभवी एक परिवर्तनकारी शक्ति है, जो अवांछनीयता को दूर करती है और सृष्टि का संतुलन बनाए रखती है। यह जातक के जीवन में कर्म, गुण और स्वभाव का सुधार करती है।


वेदमाता

वेदमाता को समस्त ज्ञान की ज्ञाता माना जाता है और इसे वेदविद्या की कुंजी कहा जाता है।


देव माता

देव माता वह देवी हैं, जो देवत्व को जन्म देती हैं और मन:स्थिति को ऊंचा करती हैं।


विश्व माता

विश्व माता सार्वभौम संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं और वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत को साकार करती हैं।


ऋतंभरा

ऋतंभरा सत्य और असत्य के चयन में सहायता प्रदान करती हैं।


मंदाकिनी

मंदाकिनी देवी गंगा के समान पवित्रता का प्रतीक हैं और बाह्य तथा आंतरिक शुद्धता प्रदान करती हैं।


अजपा

अजपा देवी अविचल निष्ठा और स्थिरता प्रदान करती हैं।


ऋद्धि

ऋद्धि आत्मिक विभूतियों से व्यक्ति को असाधारण बनाती हैं।


सिद्धि

सिद्धि वैभव की अधिष्ठात्री हैं और व्यक्ति को प्रामाणिक बनाती हैं।


सावित्री

सावित्री अचेतन की रहस्यमयी परतों को हटाने वाली पंचमुखी शक्ति हैं।


सरस्वती

सरस्वती विद्या और बुद्धि की देवी हैं।


लक्ष्मी

लक्ष्मी देवी 'श्री' तत्व को बढ़ाने वाले गुणों का विकास करती हैं।


महाकाली

महाकाली असुरता का संहार करती हैं और प्रचंडता तथा मृत्यु की प्रतीक हैं।


कुण्डलिनी

कुण्डलिनी जीवन की सामान्य ऊर्जा को असामान्य में परिवर्तित करती हैं।


प्राणाग्नि

प्राणाग्नि जीवन शक्ति को बढ़ाकर व्यक्ति को प्राणवान बनाती हैं।


भुवनेश्वरी

भुवनेश्वरी विश्व और वैभव की अधिष्ठात्री हैं।


भवानी

भवानी देवी व्यक्ति को धन और नेतृत्व प्रदान करती हैं।


अन्नपूर्णा

अन्नपूर्णा संतुलन और सद्बुद्धि देने वाली शक्ति हैं।


महामाया

महामाया भ्रांतियों को दूर करती हैं और भव बंधनों से मुक्ति दिलाती हैं।


पयस्विनी

पयस्विनी की कृपा से साधक में ब्रह्मतेज बढ़ता है।


त्रिपुरा

त्रिपुरा देवी ओजस्, तेजस् और वर्चस् को बढ़ाने वाली हैं।