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हरियाणा में मौसम में बदलाव: बारिश का अलर्ट, किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

हरियाणा में मौसम में बदलाव आ रहा है, जिसमें अगले तीन दिनों में बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मानसून की अंतिम बारिश हो सकती है। इस वर्ष भारी बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुँचाया है, जिसके चलते सरकार ने फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है। जानें किन जिलों में बारिश होगी और किसानों को राहत देने के लिए सरकार के अगले कदम क्या होंगे।
 

हरियाणा में मौसम का मिजाज बदलने वाला है

हरियाणा मौसम अपडेट 16 सितंबर: मौसम में बड़ा बदलाव! इन जिलों में बारिश का अलर्ट, यह खबर किसानों के लिए महत्वपूर्ण है: हरियाणा में आज से मौसम में बदलाव आने वाला है। अगले तीन दिनों के दौरान प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मानसून की अंतिम बारिश हो सकती है।


बारिश की संभावना वाले जिले

20 सितंबर के बाद मानसून किसी भी समय विदाई ले सकता है। इस वर्ष हरियाणा में मानसून ने भरपूर बारिश की है। 28 जून से अब तक 565.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 407.9 मिलीमीटर से 39% अधिक है। आइए जानते हैं मौसम की ताजा स्थिति और इसका किसानों पर प्रभाव।


किन जिलों में होगी बारिश? हरियाणा मौसम अपडेट


मौसम विभाग के अनुसार, 17 से 19 सितंबर तक हरियाणा के उत्तरी जिलों जैसे अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और सोनीपत में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।


इन क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ गरज-चमक की स्थिति बन सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून अब कमजोर पड़ रहा है, और यह बारिश इसका अंतिम चरण हो सकता है।


खरीफ फसलों को नुकसान

खरीफ फसलों को भारी नुकसान


इस वर्ष की भारी बारिश और बाढ़ ने हरियाणा के किसानों को काफी परेशान किया है। खरीफ फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।


सरकार ने किसानों की सहायता के लिए फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल की शुरुआत की है, जिसमें 6,310 गांवों के लगभग 4.97 लाख किसानों ने 29.07 लाख एकड़ फसल खराब होने की शिकायत दर्ज की है। 15 सितंबर तक किसानों को अपनी फसल के नुकसान की जानकारी इस पोर्टल पर देनी थी। अब तक 1.31 लाख एकड़ फसलों की गिरदावरी पटवारियों द्वारा पूरी की जा चुकी है।


अगला कदम क्या है?

क्या है अगला कदम?


16 सितंबर से फसल नुकसान की जांच में तेजी लाई जाएगी। पटवारी अब पोर्टल पर दर्ज जानकारी की जांच करेंगे और इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंपी जाएगी, जिसके बाद किसानों को मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार का उद्देश्य है कि बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत मिले।