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हरियाणा श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले के चलते तीन लेबर इंस्पेक्टर निलंबित

हरियाणा के श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले के मामले में तीन लेबर इंस्पेक्टरों को निलंबित किया गया है। श्रम मंत्री अनिल विज के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। जांच में सामने आया है कि फर्जी वेरिफिकेशन का कार्य किया गया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक समिति का गठन भी किया गया है। जानें इस घोटाले की पूरी जानकारी और क्या कदम उठाए गए हैं।
 

निलंबन आदेश जारी


हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज के निर्देश पर श्रम आयुक्त डॉ. मनीराम शर्मा ने तीन लेबर इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले की जांच के बाद की गई है।


निलंबित अधिकारियों में बहादुरगढ़ झज्जर सर्कल-2 के राज कुमार, सोनीपत सर्कल-2 के रोशन लाल और फरीदाबाद सर्कल-12 के धनराज शामिल हैं। जांच में यह सामने आया कि फर्जी वेरिफिकेशन का कार्य श्रम विभाग के निरीक्षकों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था।


सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक में मामला उठाया गया

21 अप्रैल 2025 को श्रम मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक हुई। इस बैठक में पता चला कि श्रमिकों की 90 दिनों की वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया गया था, जिसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 11 लाख 96 हजार 759 श्रमिकों की वर्क स्लिप शामिल थी।


ग्राम सचिव ने एक दिन में 2 हजार से अधिक वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया

इस अवधि में जिला हिसार में 1 लाख 45 हजार 582 वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया गया। ग्राम सचिव राजेंद्र सिंह ने अकेले 84 हजार 741 आवेदनों का वेरिफिकेशन किया, जिसमें उन्होंने एक ही दिन में 2 हजार 646 वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया।


जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति का गठन

कैबिनेट मंत्री ने बैठक में कहा कि यह संभव नहीं लगता। इसके बाद विज ने सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के संयुक्त सचिव अजमेर सिंह देसवाल, सचिव सुनील ढिल्लों और सदस्य भूपिंदर शर्मा को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया।


ज्यादातर वर्क स्लिप फर्जी कामगारों की

जांच समिति ने छह जिलों हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी में वेरिफिकेशन की गई वर्क स्लिपों की जांच की, जिसमें कई अनियमितताएं पाई गईं। अधिकांश वर्क स्लिप फर्जी कामगारों की थीं।


हर जिले में जांच के लिए समिति का गठन

विज ने बताया कि श्रम विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया गया है कि वे तीन सदस्यीय समिति का गठन करें, जिसमें श्रम विभाग का एक सदस्य और दो अन्य स्वतंत्र सदस्य शामिल हों। ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट तीन महीने में प्रस्तुत करेंगी।