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हेमकुंड साहिब: श्रद्धालुओं की आस्था का अद्भुत नजारा

हेमकुंड साहिब, समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, इस समय श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां बर्फबारी के बावजूद 30,000 से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर मत्था टेक चुके हैं। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह अद्भुत है, जो बर्फीली हवाओं के बीच पवित्र सरोवर में डुबकी लगाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। जानें इस अद्भुत यात्रा के बारे में और कैसे श्रद्धा ने ठंड को मात दी है।
 

हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की भीड़

हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब इस समय श्रद्धा के रंग में रंगा हुआ है। यहां चारों ओर बर्फ की चादर बिछी हुई है और ठंडी हवाएं चल रही हैं, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह इन कठिनाइयों पर भारी पड़ रहा है। 25 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 30,000 से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर मत्था टेक चुके हैं। तापमान शून्य के करीब है, लेकिन श्रद्धा का तापमान ऊंचाई पर है।


हाल के दिनों में हुई बर्फबारी ने चमोली स्थित हेमकुंड साहिब क्षेत्र को लगभग तीन इंच बर्फ से ढक दिया है। इस ठंड में यात्रा करना कठिन लग सकता है, लेकिन आस्था के आगे शरीर की सीमाएं भी हार मान जाती हैं। श्रद्धालु बर्फीली हवाओं के बीच पवित्र हिम सरोवर में डुबकी लगाकर गुरुद्वारे में मत्था टेक रहे हैं। यह दृश्य किसी चमत्कार से कम नहीं है—सफेद बर्फ के बीच रंग-बिरंगे वस्त्रों में लिपटे श्रद्धालु, गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी और वाहेगुरु का नाम गूंजता हुआ वातावरण।


आज हेमकुंड साहिब क्षेत्र में आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन फिलहाल न तो बर्फबारी हो रही है और न ही बारिश। यह यात्रा कर रहे लोगों के लिए थोड़ी राहत की बात है, क्योंकि मौसम की बेरुख़ी यहां कब रंग बदल ले, कोई नहीं जानता।