धरती की रोटेशन स्पीड में वृद्धि: 2025 में हो सकता है सबसे छोटा दिन
धरती के सबसे छोटे दिनों का रिकॉर्ड
धरती की रोटेशन स्पीड में वृद्धि: क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष कुछ दिनों में धरती अपने सबसे छोटे दिनों का रिकॉर्ड बना सकती है? शोधकर्ताओं ने पाया है कि पिछले पांच वर्षों में धरती की रोटेशन स्पीड में वृद्धि हुई है। हालांकि, 2020 से धरती अपनी सामान्य गति पर घूम रही है, लेकिन अब इस खगोलीय गतिविधि के कारण स्पीड में बदलाव संभव है। इस वजह से, धरती जुलाई या अगस्त में अपना सबसे छोटा दिन दर्ज कर सकती है, जिसका अर्थ है कि एक दिन 24 घंटे से कम हो सकता है।
कौन सा दिन होगा छोटा?
एस्ट्रोफिजिसिस्ट ग्राहम जोन्स ने इस विषय पर गहन अध्ययन किया है। धरती के सबसे छोटे दिनों के लिए तीन संभावित तारीखें निर्धारित की गई हैं: 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त। इनमें से किसी एक दिन के छोटे होने की संभावना है। इसका कारण बताया गया है कि चंद्रमा की कक्षा में धरती का प्रभाव इस घटना का कारण है। इसलिए, यह दिन अन्य दिनों की तुलना में 1.66 मिलीसेकंड छोटा हो सकता है।
छोटे दिनों का कारण
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये दिन छोटे क्यों हो रहे हैं, लेकिन वर्तमान अध्ययन से पता चलता है कि इसका संबंध धरती की रोटेशनल स्पीड से है। यह गति हर वर्ष बदल रही है और बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि धरती क्यों घूम रही है, जिसका उत्तर अभी तक नहीं मिला है। पहले भी कई बार छोटे दिनों का रिकॉर्ड किया जा चुका है।
पिछले रिकॉर्ड
इससे पहले कब रिकॉर्ड हुए छोटे दिन?
कुछ रिकॉर्ड के अनुसार, इससे पहले सबसे छोटा दिन 29 जून 2022 को दर्ज किया गया था। उस दिन धरती ने अपना पूरा चक्कर 23 घंटे, 56 मिनट और 4.4 सेकंड में पूरा किया था, जो 24 घंटों में से 1.59 मिलीसेकंड कम था। वैज्ञानिकों ने इस परिवर्तन को लेकर चिंता नहीं जताई है।
हालांकि, इसके कुछ कारणों में शामिल हैं:
- आंतरिक कोर की गतिविधियाँ
- महासागरों और वायुमंडल की हलचलें
- चंद्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव
- चांडलर वॉबल, जिसमें पृथ्वी के घूमने की धुरी में हल्का झुकाव होता है