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नोबेल पुरस्कार 2023: रसायनशास्त्र में नई खोजों के लिए वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया

इस साल का नोबेल पुरस्कार रसायनशास्त्र में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को प्रदान किया गया है। इन वैज्ञानिकों ने मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOF) नामक एक नई रासायनिक संरचना विकसित की है, जो गैसों और रसायनों को समाहित कर सकती है। उनकी खोजें प्रदूषण नियंत्रण, पानी की कमी और ऊर्जा संरक्षण में क्रांतिकारी साबित हो सकती हैं। पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में होगा।
 

नोबेल पुरस्कार की घोषणा

इस साल का नोबेल पुरस्कार रसायनशास्त्र के क्षेत्र में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को प्रदान किया गया है। जापान के सुसुमु कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड रॉबसन और अमेरिका के उमर एम याघी को यह सम्मान मिला है। स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि इन वैज्ञानिकों ने मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOF) नामक एक रासायनिक संरचना विकसित की है, जो गैसों और रसायनों को अपने अंदर समाहित कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें छोड़ भी सकती है।


मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क का महत्व


इन वैज्ञानिकों ने परमाणुओं को जोड़कर जालीदार संरचनाएं बनाई हैं, जिनमें सूक्ष्म खाली स्थान होते हैं। ये स्थान गैसों, नमी और रासायनिक पदार्थों के लिए पारगम्य होते हैं। यह तकनीक भविष्य में प्रदूषण नियंत्रण, रेगिस्तानी हवा से पानी निकालने, कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करने और ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।


वैज्ञानिकों की उपलब्धियां

उमर याघी ने 1995 में मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOF) की अवधारणा प्रस्तुत की और 1999 में MOF-5 नामक संरचना विकसित की, जिसका सतही क्षेत्र फुटबॉल मैदान के बराबर है। उन्होंने रेगिस्तानी हवा से नमी खींचकर पानी बनाने की विधि भी प्रदर्शित की।


सुसुमु कितागावा ने 1997 में स्थिर और लचीले MOF तैयार किए, जो गैसों को पकड़ने और छोड़ने में सहायक होते हैं, जैसे कि हमारे फेफड़े हवा को अंदर और बाहर करते हैं।


रिचर्ड रॉबसन ने 1980 के दशक में तांबे और कार्बनिक अणुओं को जोड़कर पहली बार ऐसी क्रिस्टल जैसी संरचना बनाई जिसमें खाली स्थान थे, जो MOF की शुरुआत मानी जाती है। उनकी खोज का महत्व इस बात में है कि अब इन संरचनाओं का उपयोग स्वच्छ हवा, ऊर्जा संरक्षण और दवाओं की नियंत्रित आपूर्ति में किया जा सकेगा।


पुरस्कार वितरण समारोह

तीनों वैज्ञानिकों को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपये) के स्वर्ण पदक और प्रमाण-पत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित होगा। इन वैज्ञानिकों की खोजें मानव जीवन और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगी। इसे विज्ञान की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिसने रसायन शास्त्र को प्रयोगशाला से बाहर निकालकर पृथ्वी के भविष्य से जोड़ दिया है।