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31 मई 2025 का पंचांग: राहुकाल, शुभ समय और पूजा की विशेषताएँ

31 मई 2025 का पंचांग विशेष पूजा और राहुकाल की जानकारी प्रदान करता है। इस दिन हनुमान जी और भगवान राम की पूजा का महत्व है। जानें शुभ और अशुभ मुहूर्त, दान-पुण्य की विशेषताएँ और आध्यात्मिक कार्यों के लिए सुझाव। यह दिन आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए आदर्श है।
 

पंचांग 31 मई 2025: पूजा का महत्व और विशेष अवसर

पंचांग 31 मई 2025: इस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और शनिवार है। यह दिन हनुमान जी और भगवान राम की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। शनि व्रत और दान-पुण्य से पुण्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय सुबह 5:08 बजे और सूर्यास्त शाम 7:09 बजे होगा। राहुकाल और शुभ मुहूर्त की जानकारी के साथ, यह दिन आध्यात्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। आइए, इस दिन की विशेषताओं पर नज़र डालते हैं।


शनिवार का महत्व और पूजा विधि

31 मई 2025 को शनिवार होने के कारण शनि देव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। हनुमान जी को पीपल के पत्तों की माला अर्पित करें। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें। भगवान राम और सीता जी का संकीर्तन करें। गौशाला में गाय को रोटी, गुड़, और चारा खिलाना चाहिए। यह कार्य पूर्वजन्म के पापों को कम करने में सहायक होता है। इस दिन मन की शुद्धता और भक्ति आवश्यक है।


शुभ और अशुभ मुहूर्त

पंचांग 31 मई 2025 के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:53 से 12:46 बजे तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:23 से 3:25 बजे तक रहेगा। गोधुली मुहूर्त शाम 6:23 से 7:23 बजे तक है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:08 से 5:06 बजे तक और अमृत काल सुबह 6:07 से 7:42 बजे तक रहेगा। राहुकाल सुबह 9:00 से 10:30 बजे तक है, इस समय शुभ कार्यों से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा न करें।


दान-पुण्य और व्रत की विशेषताएँ

ज्येष्ठ माह में जल, फल, और गुड़ का दान अनंत पुण्य प्रदान करता है। शनि व्रत रखें और फलाहार करें। बालक, वृद्ध, और रोगी व्रत से बचें, लेकिन पूजा अवश्य करें। पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा और दीप दान करें। गंगा जल में तिल और इत्र डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। यह शनि के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।


आध्यात्मिक कार्यों के लिए सुझाव

इस दिन घर की छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें। माता-पिता का आशीर्वाद लें। शिव मंदिर में पीपल का पेड़ लगाएं। शनि के बीज मंत्र का जप करें। मन को सात्विक और शांत रखें। किसी के साथ अन्याय न करें, क्योंकि शनि न्याय का कारक ग्रह है। हनुमान चालीसा का पाठ और भक्ति भाव से की गई पूजा सभी कष्टों को दूर करती है। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष है।


पंचांग की विशेषता

पंचांग 31 मई 2025 नक्षत्र पुष्य (9:09 PM तक) और आश्लेषा, चंद्र राशि कर्क, और सूर्य राशि वृष के साथ आता है। यह संयोग पूजा, दान, और व्रत के लिए शुभ है। शनिवार का दिन शनि और हनुमान जी की भक्ति के लिए आदर्श है। इस दिन नियमपूर्वक पूजा और दान से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। अपने परिवार के साथ इस दिन को आध्यात्मिक रूप से मनाएं।