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8वें वेतन आयोग का अपडेट: क्या सैलरी में होगी दोगुनी वृद्धि?

8वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि की संभावना को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। जानें कि क्या सैलरी दोगुनी होगी या वास्तविकता कुछ और है। रिपोर्टों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते के समायोजन से सैलरी में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाएगी। इसके अलावा, आयोग की संभावित लागू होने की तारीख भी 2027 तक टल सकती है। क्या यह कर्मचारियों के लिए एक झटका होगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

8वें वेतन आयोग का अपडेट: सैलरी में वृद्धि की संभावना

8वें वेतन आयोग का अपडेट: क्या सैलरी में होगी दोगुनी वृद्धि? सरकारी कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग (2025) को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। सभी जानना चाहते हैं कि क्या उनकी सैलरी दोगुनी हो जाएगी। लेकिन वास्तविकता इससे थोड़ी भिन्न है। दरअसल, सैलरी में वृद्धि का आधार (फिटमेंट फैक्टर) होता है, जिसे मौजूदा बेसिक पे से गुणा किया जाता है।


7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके चलते न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी। हालांकि, कुल सैलरी में औसतन केवल 14.3% की वृद्धि हुई थी। अब 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि यदि किसी कर्मचारी का बेसिक पे ₹50,000 है, तो यह बढ़कर ₹91,500 से ₹1,23,000 तक हो सकता है।


सैलरी वृद्धि की वास्तविकता: उम्मीद से कम लाभ


एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, भले ही फिटमेंट फैक्टर 2.46 तक पहुंच जाए, लेकिन वास्तविक सैलरी वृद्धि केवल 30% से 34% के बीच होगी। वहीं, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सरकार इसे न्यूनतम 1.8 पर रखती है, तो सैलरी में केवल 13% की वृद्धि होगी।


यह उन कर्मचारियों के लिए एक झटका हो सकता है जो वेतन में दोगुनी वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA) को नए बेसिक पे में समायोजित किया जाएगा, जिससे कुल सैलरी में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाएगी।


सरकार की तैयारी और लागू होने की संभावित तारीख


अब तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) जारी नहीं किए हैं और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं हुई है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि आयोग, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाला था, अब 2027 तक टल सकता है।


इस देरी से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में निराशा है। हालांकि, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है।