अक्टूबर में मटर की उन्नत अगेती किस्मों की खेती के लाभ
बंपर उपज की संभावना
बंपर उपज की संभावना
Pea Farming, नई दिल्ली: मटर, जो रबी की प्रमुख फसल है, भारत में व्यापक रूप से उगाई जाती है और इसकी खपत भी बहुत अधिक है। हरी और सूखी मटर दोनों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी फसल बन जाती है।
अक्टूबर का महीना मटर की उन्नत अगेती किस्मों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इससे कम समय में अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। ये किस्में 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती हैं। आइए जानते हैं मटर की पांच अगेती किस्मों के बारे में, जो बेहतर पैदावार देती हैं और किसानों को अच्छा मुनाफा भी दिला सकती हैं।
मटर की पांच अगेती किस्में
- पंत मटर 155 किस्म: यह एक हाइब्रिड अगेती किस्म है, जिसे पंत मटर 13 और डी डी आर-27 से विकसित किया गया है। इसमें 30 से 35 दिनों में फूल आने लगते हैं और 50 से 55 दिनों में पहली तुड़ाई की जा सकती है। यह प्रति हेक्टेयर 150 क्विंटल तक पैदावार देने में सक्षम है।
- काशी नंदिनी किस्म: यह अगेती किस्म 60-65 दिनों में तुड़ाई योग्य हो जाती है। इसकी फली में 7-9 दाने होते हैं और सभी फलियां एक साथ तैयार होती हैं, जिससे बार-बार तुड़ाई की आवश्यकता नहीं पड़ती। प्रति हेक्टेयर 110-120 क्विंटल मटर का उत्पादन संभव है।
- पीएसएम-3 किस्म: जीबीपीयूएट, पंतनगर द्वारा विकसित, यह जल्दी तैयार होने वाली वैरायटी है। इसकी फलियां लंबी और 8-9 बीजों वाली होती हैं। यह 60-75 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। औसत उपज 9 टन प्रति हेक्टेयर तक होती है।
- अर्ली बैजर किस्म: यह विदेशी किस्म 50-60 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। प्रत्येक फलियों में 5-6 दाने होते हैं।
- काशी उदय किस्म: इसकी फलियों की लंबाई 9-10 सेंटीमीटर होती है और प्रति एकड़ 42 क्विंटल मटर की पैदावार मिलती है। इसे कटाई के लिए 60 दिनों का समय लगता है।
किसान कैसे करें मटर की खेती
किसान यदि मटर की खेती योजना के अनुसार करें, तो उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सकता है। मटर की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन गहरी दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई बीजों के माध्यम से की जाती है, जिसमें ड्रिल विधि का उपयोग किया जाता है। बीजों को 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। फसल को समय-समय पर सिंचाई और खाद की आवश्यकता होती है।