कांवड़ यात्रा 2023: सुरक्षा और सुव्यवस्था के लिए नई गाइडलाइंस जारी
कांवड़ यात्रा की तैयारी में महत्वपूर्ण बैठक
इस वर्ष 11 जुलाई से आरंभ होने वाली कांवड़ यात्रा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें छह राज्यों के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में यात्रा को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे प्रमुख निर्णय यह था कि कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए, और इस नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा.
सुरक्षा उपाय और पाबंदियाँ
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हरिद्वार मेला नियंत्रण कक्ष में हुई बैठक में यह तय किया गया कि यात्रा मार्गों पर अफवाहों से बचने के लिए रियल टाइम जानकारी साझा की जाएगी। इसके अलावा, कांवड़ यात्रियों के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी गाइडलाइन यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाएगी। मांस और शराब की बिक्री पर सख्ती से रोक रहेगी और एसओपी का कड़ाई से पालन होगा.
मुख्य सचिव का बयान
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा, 'कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी राज्यों के बीच रियल टाइम डेटा और सूचना का आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि आपात स्थिति में तत्काल समन्वय हो सके.'
बैठक में शामिल अधिकारी
इस बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इन अधिकारियों ने यात्रा मार्गों, यातायात नियंत्रण, पार्किंग और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था पर गहन चर्चा की.
यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन
कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए.
मांस और शराब की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध रहेगा.
यात्रा मार्गों पर 'क्या करें–क्या न करें' की सूची प्रदर्शित की जाएगी.
कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए ढाबों व होटलों में रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य होगा.
तेज आवाज में म्यूजिक बजाने वाले वाहनों पर पहले से सूचना देकर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
रियल टाइम मॉनिटरिंग और भीड़ नियंत्रण
उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि सभी राज्यों के बीच रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाएंगी ताकि सुरक्षा से जुड़ी कोई चूक न हो। यात्रियों की संख्या, वाहनों की आवाजाही और भीड़ नियंत्रण की रणनीति पर पहले से तैयारी की जा रही है.
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर विशेष योजना
बैठक में विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर यातायात व्यवस्था और डाक कांवड़ की भीड़ को लेकर एक विस्तृत रणनीति बनाई गई है। वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में सुगमता बनी रहे.