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कुंडली के 8वें भाव में शनि का प्रभाव: स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर

जन्म कुंडली में शनि का 8वें भाव में होना व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह स्थिति व्यक्ति के स्वभाव को चिड़चिड़ा बना सकती है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है। जानें कि इस स्थिति में कौन-सी तीन गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। वीडियो में इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
 

शनि का 8वें भाव में प्रभाव

शनि का 8वें भाव में नकारात्मक प्रभाव: जन्म कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं, जिनमें समय-समय पर नवग्रह विराजमान होते हैं। इन भावों का अपना महत्व है, जो सभी राशियों पर प्रभाव डालते हैं। कुंडली का 8वां भाव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है, जैसे व्यक्ति की आयु, स्वभाव, धन, सुख, बीमारी, और कर्म। कुछ ग्रहों का इस भाव में होना शुभ होता है, जबकि अन्य के कारण व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से, जब शनि इस भाव में होता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की सेहत, सुख और धन पर पड़ता है। इससे व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है और वह अक्सर बीमार रहता है। इसके अलावा, गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।


यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली के 8वें भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति को कौन-सी तीन गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।


डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल सूचना के लिए प्रस्तुत की गई है।