गुजरात में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च के लिए नई पहल
गुजरात में एआई रिसर्च का नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, गुजरात ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल 2026 की शुरुआत में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के बीच त्रिपक्षीय सहयोग से इंडियन एआई रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (आईएआईआरओ) की स्थापना को मंजूरी दी है।
गुजरात, प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता के साथ, पीपीपी मॉडल पर आईएआईआरओ की स्थापना करने वाला पहला राज्य बन गया है।
गिफ्ट सिटी में, यह संगठन 1 जनवरी 2026 से विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में कार्य करेगा। आईएआईआरओ को कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी संस्थान के रूप में स्थापित किया जाएगा।
इस परियोजना के लिए पहले पांच वर्षों में लगभग 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ निजी भागीदारों का भी समान योगदान होगा।
आईपीए, आईएआईआरओ के लिए एक प्रमुख निजी भागीदार के रूप में जुड़ा है और वर्ष 2025-26 के लिए 25 करोड़ रुपये का योगदान देने की योजना बना रहा है। इसमें सिप्ला, टोरेंट फार्मा और सन फार्मा जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।
यह पहल भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इंडिया एआई मिशन और राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एआई एक्शन प्लान के उद्देश्यों के अनुरूप है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने एआई टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में एआई के उपयोग से सुधार लाना है।
आईएआईआरओ की गतिविधियों में एआई अनुसंधान और विकास, एआई आधारित उत्पादों और समाधानों का विकास, और शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकार के बीच सहयोग शामिल होगा।
इसके अलावा, आईएआईआरओ बौद्धिक संपदा निर्माण, क्षमता निर्माण और नीति आधारित अनुसंधान पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। यह हाइब्रिड कंप्यूटिंग मॉडल के तहत कार्य करेगा, जिसमें ऑन-प्रिमाइसेस जीपीयू इन्फ्रास्ट्रक्चर और राष्ट्रीय प्लेटफार्मों का समन्वय शामिल होगा।
सीएम भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में, यह पहल एआई क्षेत्र में भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धी नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी और गुजरात को उभरती तकनीकी नवाचारों का केंद्र बनाएगी।