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गूगल बॉय कौटिल्य पंडित को मिली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मास्टर की स्कॉलरशिप

कौटिल्य पंडित, जिन्हें गूगल बॉय के नाम से जाना जाता है, ने इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ फिजिक्स की पढ़ाई के लिए 25 लाख रुपये की स्कॉलरशिप प्राप्त की है। महज 17 साल की उम्र में, कौटिल्य ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा से दुनिया को प्रभावित किया है। उन्होंने 5 साल की उम्र में विभिन्न देशों की जानकारी याद कर गूगल बॉय का खिताब हासिल किया। जानें उनके जीवन की अनोखी कहानियाँ और भविष्य की योजनाएँ।
 

ऑक्सफोर्ड के बॉलियोल कॉलेज में मास्टर की पढ़ाई


Kautilya Pandit Google Boy, करनाल: हरियाणा के करनाल निवासी कौटिल्य पंडित, जिन्हें गूगल बॉय के नाम से जाना जाता है, अब विदेश में अपनी पढ़ाई जारी रखने जा रहे हैं। उन्हें इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई का प्रस्ताव मिला है। वह अक्टूबर से बॉलियोल कॉलेज में मास्टर ऑफ फिजिक्स की पढ़ाई शुरू करेंगे और इसके लिए उन्हें 25 लाख रुपये की स्कॉलरशिप भी प्राप्त हुई है। कौटिल्य ब्रह्मांड विज्ञान, प्लाज्मा फिजिक्स, डार्क मैटर, पार्टिकल थ्योरी और एआई फॉर ह्यूमैनिटी में शोध करेंगे।


कौटिल्य की प्रतिभा का सफर

कौटिल्य की उम्र अभी केवल 17 वर्ष है। उन्होंने जीडी गोयनका स्कूल से 12वीं कक्षा पास की है। कौटिल्य ने 5 साल की उम्र में विभिन्न देशों की राजधानी, मुद्रा, जनसंख्या और भौगोलिक जानकारी को याद कर गूगल बॉय के रूप में पहचान बनाई। इसी उम्र में वह प्रसिद्ध टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में भी अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठे थे।


प्रतिभा की पहचान

मानचित्रों का संग्रह कुछ ही देर में किया याद


कौटिल्य का जन्म 2007 में करनाल के कोहंड गांव में हुआ। उनके दादा जय किशन शर्मा एक प्रसिद्ध शिक्षाविद थे। जब कौटिल्य लगभग 4-5 साल के थे, तब उन्होंने स्कूल में मिले एटलस को कुछ ही समय में याद कर लिया, जिससे उनके दादा ने उनकी प्रतिभा को पहचाना।


कौन बनेगा करोड़पति से मिली प्रसिद्धि

गूगल बॉय कौटिल्य पंडित।


कौटिल्य को 2013 में 5 साल की उम्र में 'कौन बनेगा करोड़पति' में बुलाया गया। अमिताभ बच्चन ने उन्हें गोद में उठाकर हॉट सीट पर बैठाया, जिससे उन्हें रातों-रात प्रसिद्धि मिली। उनकी इस अद्वितीय क्षमता के कारण उन्हें बाल मानुषी की उपाधि दी गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया।


शिक्षा में योगदान

कौटिल्य ने स्कूल के दौरान ही मोटिवेशनल स्पीकर बनने का कार्य किया। कोविड महामारी के दौरान, उन्होंने अपने पिता के स्कूल में 9वीं और 11वीं के छात्रों को फिजिक्स और केमिस्ट्री का पूरा सिलेबस मात्र दो महीने में पूरा करवा दिया, जबकि वह खुद 8वीं कक्षा के छात्र थे।


असाधारण बुद्धि

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विशेषज्ञों ने कौटिल्य का आईक्यू लेवल 130 से 150 के बीच बताया है, जो असाधारण माना जाता है। यह स्तर गिफ्टेड से लेकर जीनियस श्रेणी में आता है।


पुस्तकों का अध्ययन

कौटिल्य ने अब तक 100 से अधिक ग्रंथ और प्राचीन पुस्तकें पढ़ी हैं। वह प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री चाणक्य को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी तरह तेज बुद्धि वाला व्यक्ति बनने की इच्छा रखते हैं।