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घर में राम दरबार की स्थापना के लाभ और विधि

इस लेख में हम जानेंगे कि घर में राम दरबार की स्थापना कैसे की जा सकती है और इसके क्या लाभ हैं। सही दिशा, मूर्तियों का आकार और पूजा विधि के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जानें कि कैसे आप अपने घर में राम दरबार स्थापित कर सकते हैं और इसके धार्मिक महत्व को समझ सकते हैं।
 

राम दरबार की स्थापना के नियम


जानें क्या हैं नियम
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त में की गई थी। इसके बाद से यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या इसे घर में स्थापित किया जा सकता है। घर में राम दरबार की स्थापना का लाभ तभी मिलेगा जब आप इसके नियमों का पालन करें।


सही दिशा का चयन


वास्तु शास्त्र के अनुसार, राम दरबार की स्थापना के लिए उत्तर दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा, पूर्व या पश्चिम दिशा में भी इसे स्थापित किया जा सकता है। लेकिन दक्षिण दिशा का चयन करने से बचें, क्योंकि इससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं।


महत्वपूर्ण बातें


राम दरबार की मूर्ति का आकार कम से कम 3 फीट होना चाहिए। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार पत्थर, पीतल, तांबा या चांदी की मूर्तियां स्थापित कर सकते हैं। ध्यान रखें कि मूर्तियां खंडित न हों, क्योंकि इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है।


पूजा विधि



  • सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों के बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

  • तीन बार ताली बजाकर प्रभु को जगाएं।

  • शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर भगवान को स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं।

  • फूल अर्पित करें और मूर्तियों का शृंगार करें।

  • भगवान को उनके प्रिय पकवानों का भोग लगाएं।

  • पूजा के दौरान रामरक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

  • अंत में राम जी की आरती करें और प्रसाद बांटें।