चंडीगढ़ PGI न्यूरो बिल्डिंग: नई सुविधाओं के साथ मरीजों के लिए उम्मीद की किरण
चंडीगढ़ PGI न्यूरो बिल्डिंग OPD का जल्द शुभारंभ
चंडीगढ़ PGI न्यूरो बिल्डिंग OPD जल्द शुरू होने वाली है, जिसमें 800 वाहनों की पार्किंग और 300 सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे: चंडीगढ़ PGI की न्यूरो बिल्डिंग ने मरीजों और उनके परिवारों के लिए नई उम्मीद जगाई है। देशभर से इलाज के लिए आने वाले लोगों के लिए यह एक सकारात्मक खबर है।
न्यूरो और मदर-चाइल्ड बिल्डिंग का उद्घाटन जल्द ही होने वाला है, जिसमें 800 वाहनों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। PGI के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने बताया कि 300 पूर्व सैनिक गार्ड भी तैनात किए जाएंगे, ताकि भीड़ में व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आइए, इस महत्वपूर्ण बदलाव की पूरी जानकारी प्राप्त करें और समझें कि PGI कैसे मरीजों का सच्चा सहारा बन रहा है।
चंडीगढ़ PGI न्यूरो बिल्डिंग का महत्व
चंडीगढ़ PGI में न्यूरोसाइंस और मदर-चाइल्ड बिल्डिंग का उद्घाटन जल्द ही होने वाला है। प्रो. विवेक लाल ने बताया कि न्यूरो बिल्डिंग में OPD दो महीने में शुरू हो जाएगी। हालांकि, कुछ मशीनों की मंजूरी अभी बाकी है, लेकिन अन्य कार्य तेजी से चल रहे हैं।
यह बिल्डिंग विशेष रूप से मस्तिष्क और बच्चों से संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए बनाई गई है। आसपास के राज्यों से आने वाले मरीजों को अब बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। PGI पहले से ही आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त ऑपरेशन कर रहा है, और नई बिल्डिंग से यह सहायता और बढ़ेगी।
मल्टीलेवल पार्किंग और सुरक्षा के उपाय
PGI में पार्किंग की समस्या जल्द ही समाप्त होने वाली है। नवंबर तक 800 वाहनों की मल्टीलेवल पार्किंग शुरू हो जाएगी, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को वाहन पार्क करने में आसानी होगी।
सुरक्षा के लिए 300 पूर्व सैनिक गार्ड तैनात किए जाएंगे। ये गार्ड भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखेंगे और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। यह कदम ऋषिकेश PGI से प्रेरित है, जहां ऐसे उपाय पहले से सफल रहे हैं। ये परिवर्तन PGI को और अधिक विश्वसनीय बनाएंगे।
‘सारथी’ प्रोजेक्ट और डिजिटल प्रणाली
PGI का ‘सारथी प्रोजेक्ट’ मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। इसमें 1000 कॉलेज के छात्र OPD में मरीजों की सहायता करते हैं। हर सारथी औसतन 10 मरीजों का सहारा बनता है। यह प्रोजेक्ट अब देश के अन्य हिस्सों में भी फैल रहा है। इसके अलावा, PGI जल्द ही पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा।
रजिस्ट्रेशन और उपचार की प्रक्रिया कंप्यूटर आधारित होगी, जिससे यह तेज और सरल हो जाएगी। संगरूर PGI सेंटर में कैंसर, गायनी, और नी रिप्लेसमेंट जैसे ऑपरेशन शुरू हो चुके हैं, जिससे चंडीगढ़ में लंबी प्रतीक्षा वाले मरीजों को राहत मिल रही है।
PGI का गौरवमयी इतिहास
चंडीगढ़ PGI का इतिहास गर्व का विषय है। भारत-पाक युद्ध के दौरान PGI के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर बिना किसी डर के लोगों का इलाज किया।
दिल्ली के अधिकारियों ने PGI के कार्य की सराहना करते हुए कहा, “यहां का काम देखकर सिर झुक जाता है।” आज भी PGI अपनी सेवा और समर्पण से मरीजों का विश्वास जीत रहा है।
चंडीगढ़ PGI न्यूरो बिल्डिंग और नई सुविधाएं इस विरासत को और मजबूत करेंगी।