×

झारखंड में आदिवासी नेता के एनकाउंटर पर विवाद, बाबूलाल मरांडी ने की जांच की मांग

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा जिले में आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने इसे जन सरोकार से जुड़ी आवाज की हत्या करार दिया है। पुलिस का दावा है कि सूर्या पर कई आपराधिक मामले थे, लेकिन परिवार ने आरोप लगाया है कि एनकाउंटर जानबूझकर किया गया। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है।
 

बाबूलाल मरांडी का एनकाउंटर पर बयान

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा जिले में आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के पुलिस एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है।


उन्होंने कहा कि यह केवल एक एनकाउंटर नहीं है, बल्कि “जन सरोकार से जुड़ी एक आवाज की हत्या” है। मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि पूरे मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के एक मौजूदा जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाए। गोड्डा जिले की पुलिस ने सोमवार को बोआरीजोर थाना क्षेत्र में सूर्या हांसदा के एनकाउंटर में मारे जाने का दावा किया था।


पुलिस का कहना है कि सूर्या पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई गंभीर अपराधों में फरार था। मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने उनके पास से हथियार भी बरामद किए थे। एसपी मुकेश कुमार ने बताया कि जब पुलिस की टीम सूर्या को गिरफ्तार करने के बाद हथियारों की बरामदगी के लिए जा रही थी, तब उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया।


नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पुलिस की इस कहानी को झूठा बताया है। उन्होंने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि झारखंड में कुछ पुलिसकर्मी अपराधियों को संरक्षण देते हुए अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की मौत कुछ “कायर और बुजदिल” अधिकारियों द्वारा कराई गई, जिन्हें आदिवासियों की आवाज से डर लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि झूठे मामले, फर्जी एफआईआर और उत्पीड़न विरोध करने वालों के खिलाफ निपटने का आम तरीका बन गया है।


सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला हांसदा और मां सूर्यमणी हांसदा ने भी पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनका परिवार जानबूझकर निशाना बनाया गया। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले में सीबीआई जांच कराने से डर रहे हैं। परिवार का कहना है कि सूर्या की तबीयत खराब थी और वह पुलिस के कब्जे से भाग नहीं सकते थे, इसलिए एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है।


यह ध्यान देने योग्य है कि सूर्या हांसदा झारखंड विधानसभा की बोरियो सीट से वर्ष 2009, 2014, 2019 और 2024 में विभिन्न पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। वर्ष 2019 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने लगभग 65 हजार वोट प्राप्त किए थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।