तिरुपति लड्डू में मिलावट: 50 लाख रुपये की रिश्वत का खुलासा
तिरुपति लड्डू में मिलावट का मामला
तिरुपति: भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक तिरुपति मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। हाल ही में यहां के प्रसाद, विशेषकर लड्डू, में मिलावट का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पिछले वर्ष इन लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाकर बनाए गए घी का उपयोग करने का आरोप लगा था, जो कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।
रिश्वत का बड़ा खुलासा
जांच में यह बात सामने आई है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को घी की सप्लाई में 50 लाख रुपये की रिश्वत का लेनदेन हुआ था। यह राशि तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी के सहायक के. चिन्नाप्पन्ना को दी गई थी।
कैश का लेनदेन और एजेंट्स की भूमिका
50 लाख की घूस, दिल्ली में हुई डिलीवरी
जांच के अनुसार, वाईवी सुब्बा रेड्डी के निजी सहायक के. चिन्नप्पन्ना को 50 लाख रुपये कैश के रूप में मिले थे। यह राशि हवाला एजेंट्स के माध्यम से भेजी गई थी, जिसे यूपी की कंपनी 'एग्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड' ने भेजा था।
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
जांच में यह भी सामने आया कि दिल्ली के एक एजेंट अमन गुप्ता ने उन्हें 20 लाख रुपये दिए थे। इसके बाद, कंपनी के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव विजय गुप्ता ने बाकी की रकम दी। दोनों बार लेनदेन दिल्ली के पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के पास हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच में खुले राज
पिछले वर्ष इस मामले में काफी विवाद हुआ था और प्रसाद की पवित्रता को लेकर सवाल उठे थे। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, राज्य पुलिस और फूड सेफ्टी अधिकारियों (FSSAI) की एक संयुक्त जांच कमेटी बनाने का आदेश दिया था।
मिलावट की पुष्टि के बावजूद सप्लाई जारी
जांच में यह भी पाया गया कि मैसुरु स्थित 'सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट' (CFTRI) ने इस घी में मिलावट की पुष्टि की थी। इसके बावजूद, यह सप्लाई 2024 तक जारी रही, जिससे अधिकारियों की मिलीभगत पर गंभीर सवाल उठते हैं।