नवरात्रि में सेंधा नमक के सेवन के लाभ और महत्व
नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है, जिसमें भक्तजन मां दुर्गा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस दौरान साधारण नमक का सेवन वर्जित होता है, और सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है। जानें कि सेंधा नमक का सेवन क्यों किया जाता है और इसके पीछे के धार्मिक, आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य लाभ क्या हैं। यह लेख आपको सेंधा नमक के महत्व और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में जानकारी देगा।
Sep 22, 2025, 12:04 IST
नवरात्रि का पर्व और सेंधा नमक
आज, 22 सितंबर से नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है। इस अवसर पर भक्तजन मां दुर्गा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जिसमें नमक का सेवन भी शामिल है। नवरात्रि के व्रत में साधारण नमक का उपयोग वर्जित है, इसलिए इस दौरान सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। कई लोग यह जानना चाहते हैं कि व्रत में सेंधा नमक का सेवन क्यों किया जाता है। इसके पीछे धार्मिक, आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य संबंधी कई कारण हैं।
सेंधा नमक का महत्व
यह माना जाता है कि व्रत के दौरान सेंधा नमक का सेवन करने से व्रत का उल्लंघन नहीं होता है। सेंधा नमक प्राकृतिक रूप से मिनरल्स से भरपूर होता है और इसमें कोई अशुद्धता या रासायनिक तत्व नहीं होते हैं। इसके विपरीत, साधारण नमक में रासायनिक तत्व होते हैं। इसलिए, व्रत में सेंधा नमक का सेवन धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
सेंधा नमक के स्वास्थ्य लाभ
इम्यूनिटी में सुधार
सेंधा नमक में जिंक, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। इसका सेवन इम्यूनिटी को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रह सकता है।
पाचन में सहायता
उपवास के दौरान फलाहार जैसे साबूदाना, कुट्टू का आटा, फल और सूखे मेवे का सेवन किया जाता है। इन चीजों को सेंधा नमक के साथ खाना पचाने में मदद करता है और इसका स्वाद भी बढ़ाता है।
इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखना
सेंधा नमक में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह व्रत के दौरान ऊर्जा प्रदान करता है और हृदय तथा रक्तचाप से संबंधित समस्याओं को कम करता है।
शरीर को ठंडक प्रदान करना
आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक शरीर को अंदर से ठंडा रखता है, जबकि साधारण नमक की तासीर गर्म होती है।