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पंजाब में बाढ़: तबाही और राहत कार्य की स्थिति

पंजाब इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है, जिससे 14 जिलों में 46 लोगों की जान जा चुकी है। 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों गांव जलमग्न हो चुके हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, और राज्य सरकार राहत कार्य में जुटी है। आने वाले दिनों में बेघर हुए परिवारों का पुनर्वास और किसानों को मुआवजा देना सबसे बड़ी चुनौती होगी। जानें इस संकट की पूरी कहानी।
 

पंजाब में बाढ़ का संकट

पंजाब बाढ़: पंजाब इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है। सतलुज और अन्य नदियों के उफान के साथ निरंतर बारिश ने राज्य को दशकों की सबसे बड़ी आपदा में धकेल दिया है। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 14 जिलों में 46 लोगों की जान जा चुकी है। यह बाढ़ 1988 के बाद की सबसे विनाशकारी मानी जा रही है। 


बाढ़ का भयावह प्रभाव

बाढ़ का प्रभाव अत्यंत भयावह है। अब तक 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग 2000 गांव जलमग्न हो चुके हैं। लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं और कई परिवारों का सब कुछ बर्बाद हो चुका है। 


किसानों पर बाढ़ का असर

किसानों पर सबसे बड़ी मार

राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले किसानों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। बाढ़ ने 18 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि की फसलें नष्ट कर दी हैं। गुरदासपुर, फाजिल्का और फिरोजपुर सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। किसानों की मेहनत की पकी हुई धान और अन्य फसलें कुछ ही घंटों में बाढ़ में बह गईं। 


बचाव और राहत कार्य

बचाव और राहत कार्य

राज्य सरकार ने पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है और राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। 22000 से अधिक लोगों को NDRF, सेना और BSF की संयुक्त टीमों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। अब तक 200 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां विस्थापित लोग ठहराए जा रहे हैं। 


भविष्य की चुनौतियाँ

आने वाले दिन चुनौती भरे

अब सबसे बड़ी चुनौती हजारों बेघर हुए परिवारों का पुनर्वास और किसानों को मुआवजा प्रदान करना है। इस जल प्रलय से उबरने के लिए पंजाब को लंबे समय तक संघर्ष करना होगा।