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पंजाबी भाषा ओलंपियाड 2025: मातृभाषा के प्रति गर्व और पहचान का उत्सव

पंजाबी भाषा ओलंपियाड 2025 एक महत्वपूर्ण पहल है, जो विदेशों में पले-बढ़े बच्चों को अपनी मातृभाषा से जोड़ने का प्रयास करती है। यह ओलंपियाड केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। पंजाब सरकार की इस पहल का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पंजाबी भाषा को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ना है। जानें इस ओलंपियाड के आयोजन, पुरस्कार और इसके पीछे की सोच के बारे में।
 

पंजाबी भाषा का वैश्विक महत्व

पंजाबी भाषा ओलंपियाड 2025: पंजाबी, जो गुरुओं की वाणी और पंजाब की मिट्टी की पहचान है, अब केवल भारत के पंजाब तक सीमित नहीं रह गई है। यह भाषा अब विश्वभर में फैले पंजाबियों के बीच एक भावनात्मक संबंध स्थापित करती है। हालांकि, जब विदेशों में पले-बढ़े बच्चों में अपनी मातृभाषा से दूरी बढ़ने लगी, तो इसकी निरंतरता को लेकर चिंता उत्पन्न हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पंजाबी भाषा ओलंपियाड की शुरुआत की है, जो केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।


बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास

बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ता है ओलंपियाड 
यह ओलंपियाड उन बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ता है जो विदेशों में जन्मे और पले-बढ़े हैं, लेकिन जिनके भीतर अपनी मिट्टी, भाषा और विरासत की एक झलक अब भी जीवित है। जब ये बच्चे अपनी मातृभाषा में सवालों के जवाब देते हैं, तो यह केवल एक शैक्षणिक अभ्यास नहीं होता, बल्कि यह पहचान की पुनर्प्राप्ति और गर्व का क्षण होता है।


भाषा का महत्व और सरकार की पहल

भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं...
सरकार की यह पहल एक आंदोलन के रूप में उभर रही है, जहां भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि भावनाओं और परंपराओं की संवाहक बनकर सामने आती है। मान सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब वैश्वीकरण के चलते क्षेत्रीय भाषाएं तेजी से पीछे छूट रही हैं। यह ओलंपियाड यह साबित करता है कि पंजाबी में आज भी वह शक्ति है जो दुनियाभर के पंजाबियों को जोड़ सकती है, चाहे वे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप या भारत में हों।


सुव्यवस्थित ढांचा और उद्देश्य

ढांचा भी उतना ही सुव्यवस्थित है जितना इसका उद्देश्य महान
हर साल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) और पंजाब सरकार द्वारा आयोजित इस ओलंपियाड में कक्षा 3 से 12 तक के छात्र भाग लेते हैं। यह परीक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और छह अलग-अलग समय क्षेत्रों में आयोजित की जाती है, ताकि वैश्विक प्रतिभागियों को सुविधा मिल सके। प्रश्नपत्र 50 अंकों का होता है और इसे हल करने के लिए 40 मिनट का समय दिया जाता है.


आगामी ओलंपियाड और पुरस्कार

पहला ओलंपियाड दिसंबर 2023 में हुआ, दूसरा 2024 में, और अब तीसरे संस्करण के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है, जो Olympiad.pseb@punjab.gov.in पर किया जा सकता है। विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार भी निर्धारित किए गए हैं, जैसे कि पंजाब के छात्रों के लिए पहला इनाम ₹11,000 और अन्य आकर्षक पुरस्कार.


शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री की सोच

आयोजन के पीछे शिक्षा मंत्री और CM मान की स्पष्ट सोच
इस आयोजन के पीछे शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और मुख्यमंत्री भगवंत मान की स्पष्ट सोच और दृढ़ संकल्प झलकता है। उन्होंने इस भाषा को एक वैश्विक पहचान देने और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए नीतिगत और भावनात्मक, दोनों स्तरों पर काम किया है.


सरकार का बहुआयामी दृष्टिकोण

मान सरकार का यह दृष्टिकोण बहुआयामी है। वे केवल ओलंपियाड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि साइनबोर्ड्स पर पंजाबी भाषा को अनिवार्य करना, स्कूलों में इसे प्रमुख विषय के रूप में स्थापित करना, और इसके साहित्य को पुनर्जीवित करने जैसे कदम भी उठा रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि यह सरकार मातृभाषा के संरक्षण को केवल चुनावी वादा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जिम्मेदारी मानती है। यह ओलंपियाड उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है जो मानते हैं कि भाषा एक आत्मा होती है; यह न केवल बोलने का माध्यम है, बल्कि एक विरासत, गौरव और पहचान भी है.