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बिहार टेंडर घोटाले में ED की जांच में BUIDCO की 15 कंपनियों का नाम

बिहार के टेंडर घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (BUIDCO) से जुड़ी 15 कंपनियों की जानकारी मांगी है। इस कार्रवाई के बाद नगर विकास विभाग में हड़कंप मच गया है। जांच में रिशु श्री और संजीव हंस का नाम सामने आया है, जो सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच दलाली करते थे। BUIDCO पर आरोप है कि डिबार की गई कंपनियों को भी ठेके दिए गए। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
 

बिहार टेंडर घोटाले की जांच में नया मोड़

Bihar Tender Scam: बिहार के टेंडर घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (BUIDCO) तक पहुंच गई है। ईडी ने नगर विकास विभाग को पत्र भेजकर उन 15 कंपनियों की जानकारी मांगी है, जिन्हें 2016 से अब तक ठेके दिए गए हैं। इस कार्रवाई के बाद नगर विकास विभाग में हड़कंप मच गया है और BUIDCO के प्रबंध निदेशक से तुरंत रिपोर्ट मांगी गई है।


रिशु श्री और संजीव हंस का संबंध सामने आया

इस घोटाले की जांच में पहले से निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव हंस और बिचौलिये रिशु रंजन सिन्हा उर्फ रिशु श्री का नाम उभरकर आया है। ईडी और स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) की जांच में यह पता चला है कि रिशु श्री सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच दलाली करता था और संजीव हंस के लिए वित्तीय लेन-देन में बिचौलिए की भूमिका निभाता था। रिशु श्री पर बड़े पैमाने पर घूसखोरी के आरोप भी हैं, जिसके चलते SVU ने एफआईआर दर्ज की है।


ईडी ने मांगी 15 कंपनियों की जानकारी

ईडी ने जिन 15 कंपनियों की जानकारी मांगी है, उनमें शामिल हैं:



  • रिलायबल एंटरप्राइजेज

  • रिलायबल इंफ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड

  • श्री नेस्टबिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड

  • अर्बन एनवायर्नमेंटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

  • साई आशीर्वाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड

  • रीताश्री एंटरप्राइजेज

  • तोशिबा वाटर सॉल्यूशंस

  • केवड़िया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड

  • भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड

  • जैनम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड

  • ऑर्गेनिका प्राइवेट लिमिटेड

  • ऑर्गेनिका 121 प्राइवेट लिमिटेड

  • जेएम एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड

  • वीए टेक वबाग प्राइवेट लिमिटेड

  • ईएमएस इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड


इन कंपनियों को BUIDCO ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर दिए हैं। अब इन सभी कंपनियों के दस्तावेज, भुगतान रिकॉर्ड, और टेंडर प्रक्रिया से संबंधित जानकारी जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराई जा रही है।


डिबार कंपनियों पर गंभीर आरोप

सूत्रों के अनुसार, BUIDCO पर यह आरोप भी है कि डिबार की गई कंपनियों को करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए। बताया जा रहा है कि इन कंपनियों ने गलत दस्तावेजों के आधार पर टेंडर हासिल किए, फिर भी BUIDCO ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की और उन्हें काम जारी रखने दिया।


BUIDCO का स्पष्टीकरण

BUIDCO के प्रबंध निदेशक अनिमेष पाराशर ने कहा कि मामले की जांच जारी है और जांच एजेंसियों द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। बिहार में सरकारी विभागों और अधिकारियों के बीच के इस घोटाले की परतें लगातार खुल रही हैं। BUIDCO पर गंभीर आरोपों के बीच जांच तेज हो गई है और अब यह देखना है कि इस भ्रष्टाचार के जाल में और कौन फंसता है।