रावण का अंतिम संस्कार: विभीषण का निर्णय और भगवान राम की सलाह
रावण का दाह संस्कार करने से विभीषण ने किया था इनकार
रावण की शक्ति और उसकी मृत्यु
दशानन रावण को एक महान योद्धा और विद्वान माना जाता है, लेकिन उसके बुरे कर्मों के कारण उसे एक दुखद अंत का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं कि रावण का अंतिम संस्कार किसने किया।
रावण की मृत्यु का कारण
रावण को युद्ध में हराना एक चुनौती थी, क्योंकि उसके पास अद्भुत शक्तियाँ और अस्त्र थे। युद्ध के अंतिम दिन, भगवान राम ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया और रावण की नाभि पर प्रहार किया।
इस हमले से रावण धरती पर गिर पड़ा और उसे अपनी हार का एहसास हुआ। अंत में, रावण ने भगवान राम का नाम लिया, जिसे वह अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था।
विभीषण का इनकार
रावण का अंतिम संस्कार उसके छोटे भाई विभीषण ने किया, जो सभी भाइयों में जीवित थे। लेकिन पहले विभीषण ने रावण का दाह संस्कार करने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि रावण एक पापी था, इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकते।
भगवान राम की समझाइश
भगवान राम ने विभीषण को समझाया कि रावण एक महान पंडित था और मृत्यु के साथ पाप समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने विभीषण से कहा कि उन्हें अपने भाई को क्षमा करना चाहिए और सम्मानपूर्वक उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए। राम जी की बात सुनकर विभीषण ने रावण का दाह संस्कार किया।