विवेक अग्निहोत्री ने बड़े बजट की फिल्मों पर उठाए सवाल, दर्शकों की कहानियों की कमी पर जताई चिंता
विवेक अग्निहोत्री का नया बयान
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, जो अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में अपनी नई फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' के कारण चर्चा में हैं। एक साक्षात्कार में, उन्होंने बड़े बजट की फिल्मों की असफलता पर अपने विचार साझा किए। उनका मानना है कि इन फिल्मों में दर्शकों को आकर्षित करने वाली कहानियों की कमी है। वर्तमान में, फिल्में केवल ग्लैमर, बड़े बजट और लोकेशन पर केंद्रित हो गई हैं।
विवेक का दृष्टिकोण
विवेक ने कहा कि उन्हें हमेशा समाज और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर फिल्में बनाना पसंद रहा है। एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि कई फिल्म निर्माता अब आम लोगों की जिंदगी और उनकी कहानियों को बड़े पर्दे पर नहीं दिखा रहे हैं। उनके अनुसार, भारतीय फिल्म उद्योग ने हमेशा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठाया है। राज कपूर, गुरुदत्त, यश चोपड़ा और मनमोहन देसाई की फिल्मों में मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों को भी दर्शाया गया था।
अमिताभ बच्चन का उदाहरण
विवेक ने अमिताभ बच्चन की फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि 1980 और 1990 के दशक में उनके किरदार अत्याचारियों से बदला लेते थे, जो दर्शकों को उम्मीद देते थे। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार बढ़ा, फिल्म निर्माताओं ने दर्शकों को मूर्ख समझना शुरू कर दिया और सरल समाधान पेश करने लगे।
फिल्म उद्योग की स्थिति
विवेक ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने कोई सफल फिल्म नहीं देखी है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले सालों में कौन सी फिल्म समाज या आम आदमी की कहानी पर आधारित थी। उनका मानना है कि ऐसी कहानियों की आवश्यकता है जो दर्शकों को यह दिखाएं कि अच्छे लोग भी हैं। उनका कहना है कि फिल्म उद्योग कमजोर हो रहा है क्योंकि आम आदमी की कहानियां गायब हो गई हैं, जिससे दर्शक फिल्मों से दूर हो रहे हैं।